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थांदला की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए एक सूबेदार
थांदला से सिद्धार्थ कांकरिया की रिपोर्ट


थांदला से सिद्धार्थ कांकरिया की रिपोर्ट
थांदला की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए एक सूबेदार 
बेतरतीब पार्किंग व्यवस्था से आए दिन हो रहे है विवाद
 थांदला। किसी भी विकासशील नगर की मूलभूत सुविधाओं में शामिल ट्रैफिक, पार्किंग व्यवस्थाओं पर ही ग्रहण लग जाए तो, उस नगर का विकास किस गति और दिशा में हो रहा होगा उसका अंदाजा सहजता से लगाया जा सकता है। विकास की ऐसी ही कुछ तस्वीर थांदला नगर की हो रही है। 111 गांवों के इस विकासखंड में प्रतिदिन हजारों की संख्या में आने वाले वाहनों के लिए नगरीय प्रशासन के पास कोई स्थायी पार्किंग व्यवस्था नही है। वही पुलिस प्रशासन इतने बड़े ट्रैफिक को मात्र 1 सूबेदार के भरोसे चला रहा है।
अतिक्रमण का स्थाई समाधान नहीं!
विकासखंड थांदला की तस्वीर यह हो गई है कि, नगर का मुख्य मार्ग हो या छोटी गलियां वाहन चालक रेंगते हुए अपना सफर तय कर रहे हैं। वही दिनों दिन बढ़ते अतिक्रमण, हॉकर्स जोन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होना, परेशानी का सबब है। पुलिस प्रशासन द्वारा ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के किए जा रहे इंतजाम नाकाफी दिख रहे हैं। नगर का मुख्य मार्ग एमजी रोड, अस्पताल चौराहा, पीपली चौराहा, आजाद चौक, जवाहर मार्ग, कुम्हारवाड़ा सहित विभिन्न प्रमुख गलियां इन दिनों बिगड़ते ट्रैफिक व्यवस्था की मार झेल रही है। 
पार्किंग व्यवस्था ना होना बना सर दर्द!
थांदला शहर के लिए विडंबना यह है कि इन गांवों से आने वाले ग्रामीणों के लिए दोपहिया और चारपहिया वाहनों की पार्किंग व्यवस्था थांदला में कहीं भी नहीं है। ऐसी स्थिति में ग्रामीण वाहन चालक मुख्य चौराहों, दुकानों, घरों के सामने घंटों अपने वाहन खड़े कर देते हैं। जिससे एक और मार्ग भी अवरुद्ध होता है वही विवाद की स्थिति भी बनती है। प्रशासन की ओर से वाहन पार्किंग के लिए कोई स्थान निर्धारित नहीं है। वहीं नगर में प्रतिदिन 5 हजार से अधिक दोपहिया वाहन और 500 से अधिक चार पहिया वाहन आते हैं। यही नही नगर के मुख्य मार्गों में कई थोक व्यापारी बीच मार्ग पर ही वाहनों को रोककर माल सप्लाय करने लगते है। ऐसे में मुख्य मार्गों पर लंबा जाम लग जाता है।


शाम होते-होते मनचलों और बाइकर्स का हो जाता है कब्जा 
थांदला के मुख्य मार्ग और गलियों में शाम होते होते मनचलों और बाइकर्स का कब्जा हो जाता है। यह बाइकर्स बुलेट, रेसिंग बाइक आदि महंगे और भारी वाहनों से बिना साइलेंसर, कानफाडू आवाज के साथ अपनी बाइक सरपट दौड़ आते हैं। ये युवक यहीं नहीं थमते हैं। हद तो तब हो जाती है जब यह युवक, युवतियों और महिलाओं पर छींटाकशी करते हुए निकलते हैं। कई युवक झुंड में बाइक चलाते हैं। ऐसे में सामने से और पीछे से आने वाहन वाले वाहनों को साइड तक नहीं देते हैं। हाल ही में नगर की मुख्य इंद्रपुरी कॉलोनी के रहवासियों ने ऐसे युवक के झुंड को पकड़कर पुलिस के सुपुर्द किया था। पुलिस ने समझाइश देकर इन युवकों को छोड़ दिया था।

इनका कहना है!
इस बारे में थाना प्रभारी कौशल्या चौहान ने बताया कि वर्तमान में ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए एक सूबेदार है। थांदला की वर्तमान ट्रैफिक व्यवस्था के हिसाब से कम से कम पांच ट्रैफिक जवानों की तैनाती होना चाहिए। जिसके लिए उच्च विभाग को अवगत करवा दिया गया है। समय-समय पर स्थानीय प्रशासन ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए नगर में भ्रमण करता है.

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