श्याम त्रिवेदी की खास रिपोर्ट
झाबुआ। इंदौर नगर निकाय चुनाव में झाबुआ जिलें के कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई थी। इन कर्मचारियों को बसों द्वारा इंदौर भेजा गया था। लेकिन, प्रशासन की अव्यवस्था के कारण कर्मचारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पडा। जिसे लेकर इनमे भारी रोष है। व्यवस्था नहीं मिलनें संबंधी चेटिंग के स्क्रीन शाॅट और फोटो कर्मचारियों द्वारा वायरल किए गए! बस का टायर तीन बार पंक्चर!
झाबुआ जिले के लगभग 900 से अधिक कर्मचारियों कि इंदौर निकाय चुनाव में डयुटी लगाई गई थी। इसमें पेटलावद, थांदला, मेघनगर, झाबुआ और रानापुर के कर्मचारी गए थे। झाबुआ से इंदौर जाते समय बस क्रमांक एमपी 45 पी 9099 का टायर तीन बार पंक्चर हुआ। पहली बार झाबुआ में दूसरी बार दत्तीगांव में और तीसरी बार बेटमा में टायर पंक्चर हुआ!
शिक्षकों ने प्रशासन पर निकाली भडास!
इंदौर पहुंचनें के बाद भी कर्मचारियों की परेशानियां खत्म नहीं हुई थी। इंदौर प्रशासन, झाबुआ जिले के कर्मचारियों के लिए खानें-पीनें और ठहरनें की भी व्यवस्था ठिक से नहीं कर पाया। शिक्षकों ने झाबुआ कलेक्टर सोमेश मिश्रा को अपनी परेशानी बताई।
इंदौर कलेक्टर की इतनी घटिया व्यवस्था!
मतदान दल के कर्मचारीयों ने अपनें साथियों के मोबाईल पर मेसेज के माध्यम से परेशानियां साझा की! कई शिक्षकों ने तों व्हाटसअप ग्रुप पर भी अपनी भडास निकाली। एक शिक्षक ने लिखा-हमारा मतदान केन्द्र एक धर्मशाला के किचन में है। जिसमें पंखा भी नहीं है। मतदान क्रमांक 464 गुरूकुल पब्लिक स्कूल पर है यहां सुबह से शाम तक भोजन की व्यवस्था नहीं थी। ना ही किसी को बिस्तर दिए गए। एक अन्य शिक्षक नें लिखा-इंदौर कलेक्टर की इतनी घटिया व्यवस्था है, कि सुबह से शाम तक भोजन की कोई व्यवस्था नहीं, गादी बिस्तर के लिए टेंट हाउस भटकना पड रहा है। मतदान दल द्वारा सेक्टर प्रभारी को समस्याओं से अवगत कराया लेकिन सेक्टर प्रभारी ने कहा कि भोजन, बिस्तर की व्यवस्था आपको करना है!
गादी बिस्तर के पैसे कर्मचारियों ने दिए!
एक कर्मचारी ने झाबुआ कलेक्टर सोमेश मिश्रा को व्हाटसअप पर मैसेज किया -सर इंदौर मे झाबुआ के कर्मचारियों को कोई व्यवस्था नहीं है, कर्मचारी परेशान है। इस पर कलेक्टर ने जवाब दिया, इंदौर एडीएम को नोट कराया है! एक कर्मचारी ने लिखा-इंदौर के मालवा मिल चैराहे के पास बनाए गए मतदान केन्द्र पर मतदान कर्मियों को खाना नहीं मिला! सोने के लिए गादी बिस्तर के पैसे देना पडे। पूरे परिसर में 11 मतदान बूथ बनाए गए थे, किन्तु पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी! परिसर में पानी भरा हुआ था! इंदौर केवल नाम का ही नंबर वन है।
राष्ट्रीय राजमार्ग की सडक पर बिताई रात!
चुनाव करवाकर वापस आते हुए मतदान दल की एक बस की हेड लाईट बंद हो गई। इस कारण ड्रायवर ने बस को एक तरफ खडी कर दी। बस में लगभग 30 कर्मचारी सवार थे। इन कर्मचारियों को नेशनल हाई-वे पर स्थित जूनापानी टोल नाके के पास सडक पर रात गुजारनी पडी। सुबह उजाला होने पर बस वापस चली और मतदान दल अपने घर पहुंचे।
इनका कहना है-
मप्र शिक्षक संघ के जिला सचिव अनिल कोठारी ने कहा कि भविष्य में अन्य जिलों मे मतदान के लिए झाबुआ जिले के कर्मचारियों को भेजा जाता है, तो भेजने से पूर्व जिलें के प्रशासनिक अधिकारी संबंधित जिलें मे जाकर ठहरनें और भोजन व्यवस्था का जायजा ले।
ताजा खबरों के लिए फॉलो करे
लाइक |