श्याम त्रिवेदी की रिपोर्ट
विवाह समारोह मे हुए विवाद में शामिल 9 आरोपियों को अर्थदंड सहित आजन्म कारावास!
झाबुआ। जिला एवं सत्र न्यायाधीश सैय्यदुल अबरार ने अपने आदेश में 9 आरोपीयों को अर्थदंड सहित आजन्म कारावास की सजा सुनाई है। घटना के अनुसार रानापुर थाना अंतर्गत ग्राम दोतड में तीन वर्ष पूर्व एक विवाह समारोह में विवाद के बाद एक ग्रामीण की मौत हो गई थी।
इन्हें हुई सजा!
लोक अभियोजक मानसिंह भूरिया ने बताया कि 18 जुलाई 2022 को सत्र प्रकरण क्रमांक-19/2020 को पारित निर्णय अनुसार रानापुर थाना अंतर्गत ग्राम दोतड निवासी नूरा पिता नाना भूरिया 48, रमेश पिता नाना भूरिया 38 , सुरेश पिता नाना भूरिया 23 , नाना पिता नाथा भूरिया 65, अम्मु पिता नूरा भूरिया 26 , राजू पिता नाना भूरिया 28 , प्रकाश पिता नाना भूरिया 29 , सुखिया पिता नेवचंद भूरिया 51 तथा महेश पिता नूरा भूरिया 25 को ग्राम दोतड में विवाह समारोह के दौरान हिरक, अनेश, विजय , दितिया , और मृतक विका पिता वक्ता भूरिया निवासी ग्राम दोतड से मारपीट करनें के अपराध व विका की हत्या के आरोप का दोषी करार देते हुए घटना के आरोपी नूरा को धारा-147 के गुरूत्तर अपराध धारा -148 भादवि के आरोप में एक वर्ष के कठोर कारावास , धारा -302/149 भादिव के आरोप में आजीवन कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदंड व धारा-323/149 भादवि के आरोप में छः माह के कठोर कारावास से दंडित किया। जब कि शेष आरोपीगण को धारा-147 भादवि के आरोप में 6-6 माह के कठोर कारावास, धारा-302/149 भादवि के आरोप में 6-6 माह के कठोर कारावास से दंडित किया गया।
यह था मामला!
लोक अभियोजक श्री भूरिया ने घटना का विवरण देते हुए बताया कि 17 मई 2019 को फरियादी शांतू के चाचा मानसिंह की लडकी सारिका की शादी में गए थे। जहां आरोपी नाना भूरिया के परिवार के सदस्य भी आए थे। जिनसे फरियादी का जमीन का पुराना झगडा चल रहा था।
शादी में नाच गाना चल रहा था। तभी फरियादी के पिता हिरक ने कहा धुल उड रही है नाच गाना बंद कर दो। दुल्हन को कपडे चडाने की रस्म के बाद नाच गाना शुरू कर देना। इसी बात को लेकर आरोपीगण राजू, नूरा, रमेश व प्रभु वहां आ गए। और हिरक के साथ गाली गलोच करनें लगे। फरियादी बिच बचाव करनें आए तो उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। मामलें में अपराध पंजीबद्व किया गया था।
घटना में आहतों को चिकित्सालय भेजा गया। जहां उपचार के दौरान विका की मृत्यु हो गई थी। विवेचना पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन की और से प्रकरण का संचालन मानसिंह भूरिया लोक अभियोजक द्वारा किया गया। प्रकरण का अनुसंधान रानापुर थाना के निरीक्षक कैलाश चौहान द्वारा किया गया।
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