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बच्चों को आत्म निरीक्षण का अभ्यास करवाना चाहिए - साध्वी
ब्यूरो रिपोर्ट झाबुआ



ब्यूरो रिपोर्ट झाबुआ

बच्चों को आत्म निरीक्षण का अभ्यास करवाना चाहिए - साध्वी श्री

पेटलावद। वर्तमान युग मे यह आवश्यक है कि माता-पिता व अभिभावकगण  सदाचारयुक्त जीवन जीते हुए बच्चो के समक्ष आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। बच्चों को कुछ देर आंख बंद कर  स्थिरता से बैठकर आत्म निरीक्षण करने की अभ्यास करवाना चाहिए।

टीवी, मोबाइल का प्रयोग करते समय भोजन नहीं करना चाहिए, गर्भवती माताएँ के भोजन का विवेक व संयम और सदाचार का पालन करने से बच्चे स्वस्थ व संस्कारी बन सकते हैं।

उक्त आशय के उद्गगार श्री जैन श्वेताम्बर तेरापन्थ धर्मसंघ के 11वे अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी की सुशिष्या शासनश्री साध्वीश्री मधुबालाजी ने ज्ञानशाला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान तेरापन्थ भवन मे व्यक्त किए।

आपने कहा कि बचपन से बच्चों को क्रोध का संयम करने तथा शांति से रहने और अपशब्दों का प्रयोग नहीं करने की शिक्षा देना चाहिए तथा बच्चों को यथासंभव प्रतिदिन ज्ञानशाला में भेजना चाहिए और वहां ज्ञानार्जन के साथ-साथ सत्संस्कारो का पोषण होना चाहिए।

साध्वी श्री मंजुलयशाजी ने कहा कि वर्तमान समय में बच्चों का बौद्धिक स्तर (आईक्यू ) बढ़ रहा है, लेकिन इमोशनल इंटेलिजेंसी यानी भावनात्मक विकास की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।यह असंतुलित विकास है ।


आज केवल डिग्री का ज्ञान बढ़ रहा है अभिभावकों का कर्तव्य है कि वह बच्चों को निरंतर ज्ञानशाला में भेजें , ताकि उनके उज्जवल भविष्य व संतुलित व्यक्तित्व का निर्माण हो सके।

कार्यक्रम का प्रारंभ साध्वीश्री  के नवकार महामंत्र उच्चारण से हुआ। ज्ञानशाला गीत अर्हम अर्हम की वन्दना प्रशिक्षिकाओ एवं बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया गया। विचित्र वेशभूषा में बच्चों ने धार्मिक और राष्ट्रीयता से ओतप्रोत प्रस्तुतियां प्रस्तुत की हास्य संवाद एनी पटवा ,आशय भंडारी ने प्रस्तुत किया।


ज्ञानशाला में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चों राशि मेहता, देशना पालरेचा, नम्रता वोरा, आशी, आशवी भंडारी, एनी पटवा आदि ने 24 तीर्थंकर के नाम ,प्रतिक्रमण की पाटी, लोगस्स आदि  सुनाएं, बच्चों ने कविता की भी प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम का संचालन ज्ञानशाला की प्रशिक्षिका रेखा पटवा ने किया तथा आभार क्षेत्रीय सहयोगी पुष्पा पालरेचा ने माना। 

राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ ज्ञानार्थी कु. कृति नीतिन भंडारी को राष्ट्रीय स्तर पर वर्ष 2919-20 के लिए देशभर में श्रेष्ठ ज्ञानार्थी के रूप मे चयन हुआ।जिसे समाज की वी विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों ने बधाइयां प्रेषित की।




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