समता की साधना का अनूठा प्रयोग - अभिनव सामायिक
पर्युषण पर्व का तीसरा दिन सामायिक दिवस!
पेटलावद। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के निर्देशन में अभातेयुप राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री पंकज डागा के नेतृत्व में पेटलावद तेरापंथ युवक परिषद ने जैनों के प्रमुख पर्व पर्युषण महापर्व के तीसरे दिन सामायिक दिवस पर अभिनव सामायिक का आयोजन किया गया।
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापन्थ धर्मसंघ के 11वे अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या शासनश्री साध्वीश्री मधुबालाजी आदि ठाणा-5 के सान्निध्य में अभिनव सामायिक उपक्रम के अंतर्गत करीब 300 सामायिक सम्पन्न हुई।
शासन श्री साध्वीश्री मधुबालाजी ने बताया कि सामायिक का अर्थ है समता, समता का व्यवहार करना, समता भाव रखना। अनुकूलता-प्रतिकूलता आये तो सहन करने का प्रयास करना , मन को स्थिर रखकर समता की साधना करना।
जैन धर्म मे सामायिक का विशेष महत्व माना जाता है, सामायिक को समता की साधना और आत्मा को निर्मल करने का महत्वपूर्ण उपक्रम बताया गया है। सामायिक के दौरान राग-द्वेष क़ी भावना से मुक्त रहने के अभ्यास से शुद्ध सामायिक होना सम्भव है, सामायिक में व्यक्ति 48 मिनट के लिए सारे सांसारिक कार्यो का त्याग करके आध्यात्म साधना में लीन हो जाता है। आपने पुणिया श्रावक जैसी सामायिक करनें क़ी प्रेरणा प्रदान की।
कार्यक्रम की शुरुआत तेरापंथ युवक परिषद के मंगलाचरण द्वारा हुई, फिर साध्वीवृन्द द्वारा हाजरी वाचन किया गया।
साध्वीश्री मंजुलयशा जी ने अभिनव सामायिक का सुंदर प्रयोग करवाया, साध्वीश्री सौभाग्यश्री जी ने एक रोचक प्रसंग द्वारा नकली सामायिक से बचने की प्रेरणा प्रदान की।
तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष पंकज मूणत ने बताया कि अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद की 355 शाखाएं पूरे देश व नेपाल मे प्रतिवर्ष पर्युषण महापर्व के दौरान अभिनव सामायिक का आयोजन करवाती है।
मंत्री पंकज़ जे पटवा ने बताया कि समाज में आध्यात्मिक विकास हेतु तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें आचार्य श्री महाश्रमण जी के इंगितानुसार हमारी संस्था समय-समय पर ऐसे कार्य आगे भी करती रहेगी।
मीडिया प्रभारी पीयुष पटवा ने बताया कि आज साध्वीश्री जी द्वारा तपस्या के प्रत्याख्यान करवाये गए, तेरापंथी सभा के मंत्री राजेश वोरा द्वारा श्रावक निष्ठा पत्र का वाचन किया, समस्त श्रावक श्रविकाओ ने सामूहिक उच्चारण किया।
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