पिटोल से निर्भय सिंह ठाकुर की रिपोर्ट
पिटोल शाउमावि के जर्जर भवन को लेकर छात्र आंदोलित!
अधिकारी के आश्वासन के बाद तोडा धरना!
पिटोल! शासकीय उच्चतर माद्यमिक विद्यालय के जर्जर हो रहे भवन में विध्यार्थियों को बैठाकर अध्ययन करवा रहे विभाग की लापरवाही एवं बडी संख्या में बच्चों को एक कमरे में असुविधाओं के बीच अध्ययन करवाने से नाराज छात्रों नें आज स्कुल प्रबंधन के साथ ही जिला प्रशासन की सुस्त कार्यप्रणाली को लेकर मोर्चा खोल दिया।
छात्रों के जीवन से खिलवाड़!
छात्रों का आरोप है कि ऐसे जर्जर भवन में बैठाकर छात्रों के जीवन से खिलवाड किया जा रहा है। यह जानते हुवे भी कि कक्षाओं में छत से पानी भी टपक रहा है वहीं कई कमरों की छत से गिट्टी प्लास्टर भी गिर रहा है। बावजुद इसके उन्हें मौत के मुंह में धकेला जा रहा है।
प्राचार्य गायब फिर भी होते है दस्तखत!
बताया जा रहा है कि गत दिनों जिला कलेक्टर सोमेश मिश्रा स्वयं विद्यालय पहुंच कर समस्याओं से रुबरु हुवे थे।
जब प्राचार्य रोज नहीं आते तो उनके दस्तखत आखिर करता है कौन! छात्रों में आक्रोश इस बात को लेकर भी था कि विद्यालय के प्राचार्य रामचंद्र मालवीय नियमित यहां नहीं पहुंचते है!अधिकांश समय स्कुल से नदारद रहते है।
जांच की मांग!
अब जब कोई जिम्मेदार यहां रहता ही नहीं है तो वे अपने अध्ययन से संबंधित समस्याऐं किसे बताये जिससे उसका समाधान हो सके। एक तरफ छात्रों का सार्वजनिक रुप से यह आरोप है कि प्राचार्य हर दिन स्कुल नहीं आते वहीं स्टाॅफ का हाजरी रजिस्टर प्राचार्य का यहां लगभग नियमित आना बयां कर रहा है। जिसकी जांच भी होना जरुरी है।
भारी नारेबाजी ओर फिर जड दिया स्कुल पर ताला! समस्याओं को लेकर आंदोलित छात्रों नें अभाविप के झाबुआ से यहां पहुंचे नगर मंत्री वैभव जैन व साकिब सैयद जिला एसएफएस प्रमुख की अगुआई में जमकर नारेबाजी की ओर चालु स्कुल में मुख्य द्वार पर ताले जड कर धरना दे दिया कि , जब तक मुख्यालय से जिम्मेदार अधिकारी उनकी समस्याओं को नहीं सुनेंगे वे वहीं पर डटे रहेगें।
अधिकारी ने दिया आश्वाशन!
आक्रोश ओर गहमागहमी के बीच सीओ जयनारायण वैरागी नें यहां पहुंचकर समस्याओं को सुनकर छात्र नेताओं को आश्वस्त किया कि वे तत्काल वरिष्ठ अधिकारीयों को हालात से अवगत करवाऐंगे व तब तक बच्चों को स्थानीय बालक छात्रावास में अध्ययन हेतु बैठने का प्रबंध करवाऐंगे। जल्द ही जर्जर भवन भी तोड कर वहां नऐ भवन के निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाने वाला है।
अभी ऐसे है विद्यालय के हालात!
विद्यालय में एक बैंच पर तीन-तीन छात्र बैठकर करते है अध्ययन!
एक कक्षा में 60 से अधिक बच्चों को बैठाया जा रहा!
कक्षा 9वीं से 10वीं कक्षा के 332 बच्चों को सिर्फ 4 कमरों व एक हाॅल में बैठाकर पढाया जा रहा।
दोपहर की शिफ्ट में 11वी,12वी के 250 बच्चों को इसी व्यवस्था में ही बैठकर करना पड रहा अध्ययन।
हर कमरा क्षतिग्रस्त, टपक रहा पानी , स्कुल भवन के आधार स्तंभ दयनीय, पीलर के अन्दर का व छत का लोहा तक दिखाई दे रहा तो प्रशासन को फिर किस बात का इंतजार!
छात्रों नें कहा कि क्या कोई बडी दुर्घटना के बाद ही उन्हें मिलेगा न्याय!
अध्यापकों के साथ ही विषय विशेषज्ञ का टोटा भी अध्ययन में हो रहा बाधक!
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