श्याम त्रिवेदी की खास रिपोर्ट
श्याम त्रिवेदी की खास रिपोर्ट
राजनीतिक दांव-पेंच में फंसी झाबुआ एसपी की खाली कुर्सी!
कलेक्टर के आदेश एक दिन में, एसपी के लिए घमासान!
झाबुआ। पिछले चार दिनों से झाबुआ जिला प्रदेश ही नहीं देश की सुर्खिया बना हुआ है। मुख्यमंत्री द्वारा जिलें के दो प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों का तबादला और निलंबन जैसी कार्रवाही इसी वजह है। कलेक्टर का तबादला और पुलिस अधीक्षक के तबादले और निलंबित किए जाने के बाद जिले में भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी भी गहमा-गहमी पर है। नए पुलिस अधीक्षक के लिए यह दोनो गुट आमने सामनें हो गए है। और यही वजह है कि जिले को नया पुलिस अधीक्षक मिलने में देरी हो रही है।
नवागत कलेक्टर एक दिन में, एसपी कब!
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधीक्षक अरविन्द तिवारी की कार्यशैली और अमर्यादित भाषा पर कार्रवाही करते हुए 19 सितंबर को तत्काल प्रभाव से हटा दिया था। अगले दिन ही 20 सिंतबर को कलेक्टर सोमेश मिश्रा पर भी तबादले की गाज गिर गई। दो दिनों में इन दो बडे अधिकारियों पर गिरी गाज की आवाज पूरे प्रदेश में गंुजती रही। कलेक्टर के तबादला आदेश के साथ ही शासन ने जिले को नवागत कलेक्टर के रूप में रजनी सिंह को भेज दिया। लेकिन चार दिन बीत जाने के बाद भी राज्य शासन और गृह मंत्रालय झाबुआ पुलिस अधीक्षक की पोस्टिंग नहीं कर सका!
भाजपा के एक गुट ने चली चाल!
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान 19 सितंबर को पेटलावद में नगरीय निकाय चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशीयों के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करने आए थे। मुख्यमंत्री की अगवानी के लिए कृषि उपज मंडी प्रांगण में बने हेलीपेड पर जिले के भाजपा नेता एकत्रित थे। यहीं पर नवागत पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति की योजना को अमलीजामा पहनाया गया। अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कलसिंह भाबर ने पूर्व विधायक निर्मला भूरिया, प्रदेश मंत्री संगीता सोनी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष भानु भूरिया सहित कई पदाधिकारियों से चर्चा कर एक पत्र पर हस्ताक्षर करवाए। इस पत्र में झाबुआ के नए एसपी के लिए मनोहर मंडलोई की मांग मुख्यमंत्री से गई थी।
यहां फंसा पेंच!
भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री को गोपनीयता के साथ एसपी की मांग करते हुए पत्र सोंपा! उस पत्र में भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मणसिंह नायक, सांसद गुमानसिंह डामोंर के हस्ताक्षर नहीं थे। इन दोनो नेताओं की नजरों से बचकर मुख्यमंत्री को पत्र दिया गया था। श्री नायक और श्री डामोंर से इस बारें में कलसिंह भाबर ने चर्चा तक नहीं की थी।
खबर के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष भी सक्रिय!
जिस दिन कलसिंह भाबर गुट ने मुख्यमंत्री को पेटलावद में यह पत्र दिया था। उसी दिन झाबुआ 24 पर नवागत एसपी के लिए इस आईपीएस अधिकारी की मांग शीर्षक से एक खबर प्रकाशित की गई थी! इसके बाद भाजपा जिलाध्यक्ष लक्ष्मणसिंह नायक गुट भी सक्रिय हो गया। सूत्रो की मानें तो श्री नायक ने उसी रात (20 सितंबर को) मुख्यमंत्री से नवागत एसपी की पदस्थापना और कलसिंह गुट द्वारा मुख्यमंत्री को दिए गए पत्र के बारे में विस्तृत चर्चा की।
मुख्यमंत्री के सामनें किसका वजूद बडा!
अब यह देखना दिलचस्प होगा की मुख्यमंत्री के सामनें किसका राजनीतिक प्रभाव अधिक है। मुख्यमंत्री, कलसिंह भाबर गुट की मानते हुए झाबुआ एसपी की पदस्थापना के लिए मनोहर सिंह मंडलोई की नियुक्ति करते है, या जिलाध्यक्ष लक्ष्मणसिंह नायक अपने करीबी अधिकारी की पदस्थापना करवाते है!
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