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BJP's loss due to factionalism: शिवराज और कैलाश का जादू नहीं चला!
श्याम त्रिवेदी की त्वरित टिप्पणी

श्याम त्रिवेदी
Last Updated 2022-10-01T12:56:47Z




श्याम त्रिवेदी की त्वरित टिप्पणी

BJP's loss due to factionalism:

शिवराज और कैलाश का जादू नहीं चला!

टिकट वितरण और गुटबाजी में भाजपा सीटें हार गई!

राजवाडा और राजगढ नाका गुट से पार्टी को नुकसान!

झाबुआ। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान की सभा और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का रोड शो भी भाजपा उम्मीदवार को नहीं जीता सके। जिस वार्ड में मुख्यमंत्री की जनसभा थी, वही दो वार्ड निर्दलीय उम्मीदवार से भाजपा हार गई। प्रत्याशीयों के चयन में निष्पक्षता की कमी और गुटबाजी जैसे कई कारण थे, जिससे पार्टी को नुकसान उठाना पडा। और भाजपा की सीटें कम हो गई।


नगर पालिका चुनाव के परिणामों ने भाजपा को जमीन दिखा दी। इन परिणामों ने खेमे और गुटबाजी को उजागर कर दिया। भाजपा के दो प्रतिद्वंदी गुट, राजवाडा और राजगढ नाके को नगर के मतदाताओं ने पहचान लिया। स्वःविवेक से निर्णय लेते हुए अपने चहेते प्रत्याशीयों को सर आॅखों पर बिठाया और निर्दलीय उम्मीदवार को जीता दिया। पार्षद प्रत्याशीयों की टिकट वितरण से लेकर मतदान के दिन तक भाजपा की गुटबाजी नहंी थमी! इसका परिणाम यह रहा की जितने वाली सीटें भी भाजपा हार गई। 


वार्ड क्र.1 में राजवाडा गुट ने भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी रेखा अश्विन शर्मा के सामनें निर्दलीय उम्मीदवार माया के लिए खुलकर काम किया! लेकिन मतदाताओं ने निर्दलीय उम्मीदवार को नकार दिया और भाजपा उम्मीदवार जीत गया! वार्ड क्र. 5 में निर्दलीय उम्मीदवार घनश्याम भाटी को भाजपा से टिकट देने की बात सांसद के सामनें ही वार्ड के मतदाता कह चुके थे , बावजूद इसके उन्होंने अपना निर्णय नहीं बदला, और जितेन्द्र पटेल को टिकट देकर बुरी तरह वार्ड हार गए। 



वार्ड क्र. 6 में अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा होन सेे पहले ही बागीयों ने बगावत का बिगुल बजा दिया था। यहां भी निर्दलीय प्रत्याशी अनिला बेस को नजरअंदाज कर टिकट न देकर दीपा सोनी को प्रत्याशी बनाया और परिणाम यह हुआ की भाजपा हार गई। वार्ड क्र. 5 और 6 में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चैहान ने जनसभा की थी। खाली पांडाल के कारण सभा फैल हो गई। मुख्यमंत्री को सुनने जितनें लोग सभा स्थल में थे, उससे ज्यादा तो मंच पर नेता मौजुद थे। भाजपा उम्मीदवार द्वारा ईमानदारी से प्रयास किया जाता तो सभा स्थल के आस-पास के वार्डो से ही इतनें लोग आ जाते की पांडाल भर जाता। 



राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि वार्ड क्र. 5 और 6 में भाजपा प्रत्याशी को हराने के लिए निर्दलीय उम्मीदवारों को राजगढ नाका गुट का समर्थन था। वार्ड क्र. 9 के भाजपा उम्मीदवार लाखन सोलंकी को पटखनी देने के लिए राजवाडा गुट ने निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थन में मतदाताओं को खुब रिझाया! लेकिन, श्री सोलंकी ने जीत का परचम लहरा दिया!



वार्ड क्र. 13 में भाजपा उम्मीदवार बसंती धनसिंह बारिया की राह में भी राजवाडा गुट ने कांटे बिछाने का प्रयास किया था! क्यों कि बंसती बारिया राजगढ़ नाका गुट समर्थीत प्रत्याशी थी! वार्ड क्र. 14 में भाजपा उम्मीदवार कविता सिंगार की पहचान राजवाडा गुट के प्रत्याशी के रूप में थी। इसलिए राजगढ नाका गुट ने इसे जितानें मे रूचि नहीं दिखाई। कांग्रेस के कमजोर प्रत्याशी होने के कारण भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई। वार्ड क्र. 17 में प्रत्याशी चयन में गलती का खामियाजा भाजपा को भुगतना पडा। जब तक भाजपा, गुटबाजी पर अंकुश नहीं लगाएगी, तब तक हर चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पडेगा। 
 



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