पिटोल से निर्भय सिंह ठाकुर की रिपोर्ट
बाल मेले में बच्चों में दिखाई दी पैसे कमाने की ललक!
चने की भाजी-तुअर की फली खरीदने के लिये टूटे ग्राहक!
पिटोल ! सोमवार को बाल दिवस के अवसर पर एक निजी स्कुल में आयोजित बाल मेले में बच्चों के अभिभावक पहुंचे तो कुछ ग्रामीण महिलाऐं भी पहुंची।
वहां का नजारा देख वे अभिभूत हुए। अभिभावकों ने देखा कि पैसा कमाने के लिये बच्चों में गजब का उत्साह था।
हर कोई अपना सामान बेचने के लिये कोई नन्हीं मुस्कान के साथ तो कोई एकदम व्यावसायिक अंदाज में कि आईये खाईये जायकेदार, लजीज पानीपुरी।
एक रुपऐ में तीन, एक रुपऐ में तीन जैस अंदाज के साथ आगंतुकों को लुभा रहे थे। वहीं स्कुल में पढ रही खेती किसानी वाली बच्चीयों ने अपने खेतो से चने की भाजी लाकर स्टाल लगा सभी स्टालों से अधिक पैसा बटोरा।
खरीददारों में रमेश भाई का भी कहना था कि खेतों की ताजा चने की भाजी का स्वाद ही कुछ खास होता है।
पैसा कमाने के गुर का पहला था मौका
कुछ बच्चों ने तो कुछ अभिभावकों ने इस प्रतिनिधि से चर्चा कर बताया कि आगे चलकर जीवन के आवश्यक गुरों में से यह भी एक महत्वपूर्ण गुर है कि पैसा कैसे कमाया जाय।
किस तरह से ग्राहकों को अपने व्यवसाय की ओर खिंचा जाय, क्वालीटी ओर क्वांटीटी को कैसे ओर कितनी मेटेन की जाय कि जिससे उनको व्यापार में नुकसान भी न हो ओर ग्राहक भी संतुष्ट हो सके।
उक्त चर्चा करते हुए अभिभावक राजेश पाटीदार ने बताया कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों का बौद्धिक विकास ही नहीं होता है बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढता है। कार्यक्रम को लेकर उन्होने आयोजकों ओर बच्चों को बधाई दी। कार्यक्रम में बच्चों ने खने पीने की वस्तुओं के साथ कुछ मनोरंजन की दुकाने भी लगाई थी जिसका वहां आऐ लोगों ने जमकर लुत्फ उठाया।
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