3 करोड के सरकारी भवन निर्माण में ठेकेदार के लोग ही लगा रहे थे पलीता!
पिटोल ! गुरुवार - शुक्रवार की मध्य रात्री पिटोल हायर सेकेण्डरी स्कुल के हो रहे नवीन निर्माण की पडी सामग्री 35 बोरी सिमेन्ट ओर 6 क्विंटल सरिये को एक पिकप क्रमांक एमपी 11 जी 5595 में रात के अंधेरे में भरकर ले जा रहे थे कि समिपस्थ एक नाले में उक्त वाहन फंस गया जिसे चुराकर ले जा रहे लोग निकालने में सफल नहीं हो सके।
इस दौरान आसपास के किसानों को इस बात की आशंका हुई कि उनके खेत से चोर उनकी पानी की मोटर चुराकर भाग रहे है किंतु उनका वाहन नाले में फंस गया है।
आशंका के चलते हल्ला मचा लोग मौके पर एकत्रित हुवे तब जाकर माजरा समझ में आया कि उक्त वाहन में पानी की मोटर नहीं बल्कि समिपस्थ बन रहे स्कुल के शासकीय भवन से निर्माण सामग्री सिमेंट व सरिया चुराकर ले जाया जा रहा है।
ग्रामीणों नें वाहन पकड लिया। ग्रामीणों नें इस बात की सुचना पिटोल पुलिस पर दी जिन्होने रात में ही मौके पर पहुंच कर वाहन को अपनी निगरानी में ले लिया।
मामले में चौकी प्रभारी रमेश कोली ने बताया कि फरियादी ठेकेदार सत्यनारायण पिता धन्ना चैधरी निवासी नोगांव धार की सुचना पर भोलाराम, केसा गारी के अलावा दो ओर अन्य लोगों पर भादवी की धारा 457, 381 के तहत मामला दर्ज किया है।
4 लाख कीमत की पिकप व 50 हजार की निर्माण सामग्री पुलिस नें जप्त की है। मामले में स्कुल निर्माण कर रहे मजदूर ठेकेदार की भी भुमिका बताई जा रही है। कोली नें बताया की जगदीश ठेकेदार नें फोन पर पुलिस को गुमराह किया कि में ही ठेकेदार हुं सुपरवायजर से गलती हो गई चोरी की फरियाद नहीं करुंगा।
जबकि वास्तविकता पुलिस को दुसरे दिन पता चली कि ठेकेदार जगदीश मारु नहीं बल्कि सत्यनारायण चैधरी है इसनें जगदीश को सिर्फ मजदूरी का ठेका दिया था।
ग्रामीणों की नजरों में सुलगते सवाल
- यदि वाहन नहीं फंसता तो मामला सामनें नहीं आता न जाने कब से चल रहा था चोरी का यह खेल।
- वाहन पुलिस निगरानी में आने के बाद वाहन में भरी सामग्री वापस स्कुल में कैसे पहुंच गई जहां पुर्व से सिमेंट सरिया रखे थे।
- मौके से जप्त वाहन को पुलिस चौकी लाने के बजाय स्कुल परिसर में ही रातभर व दुसरे दिन सुबह तक क्यों रहने दिया जिससे आरोपित सुपरवायजर भोलाराम मारु को माल उतरवाने का मौका मिल गया।
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