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भाजपा ने भानु पर भरोसा क्यों किया!
श्याम त्रिवेदी की त्वरित टिप्पणी!

श्याम त्रिवेदी
Last Updated 2022-11-18T19:04:01Z




श्याम त्रिवेदी की त्वरित टिप्पणी! 

भाजपा ने भानु पर भरोसा क्यों किया!

जिला अध्यक्ष पद पाकर भानु ने क्या खोया!

झाबुआ! भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक को हटाए जाने की चर्चाओं को विराम लग गया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने झाबुआ जिले की कमान भानु भूरिया को सौंप दी है! आगामी दो सालों में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी ने यह निर्णय लिया है! 


पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक की पार्टी में विवादास्पद छवि, महिलाओं द्वारा उन पर लगाए जाने वाले प्रताणना के आरोप और पार्टी में गुटबाजी का बढना ऐसे कई कारणों को नकारा नही जा सकता, लेकिन भाजपा ने भानु भूरिया पर ही दांव क्यों लगाया, यह एक बडी बात है। भानु भूरिया को जिलाध्यक्ष बनाए जाने के पीछे भाजपा की एक बडी रणनीति सामनें नजर आ रही है। 


जिले में झाबुआ, थांदला और पेटलावद विधानसभा क्षेत्र है। इन सभी सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। सिर्फ लोकसभा सीट ही भाजपा बचा पाई थी! माना जा रहा है कि भानु को जिलाध्यक्ष बनाना, आगामी विधानसभा चुनाव के पूर्व लिया गया यह निर्णय जनजाती समाज को खुश करना है! जिले में जयस के बढते वर्चस्व पर भी पार्टी चिंतित है और भाजपा ने इसे गंभीरता से लिया है। इसी कारण भाजपा ने युवा नेता भानु भूरिया को जिलाध्यक्ष पद जैसी बडी  जिम्मेदारी सौंपी है।


वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जिले की तीनों विधानसभा सीटों पर भाजपा का परचम फहरानें की जिम्मेदारी, चुनौती के रूप में भानु भूरिया पर होगी। भाजपा के पास जिलाध्यक्ष पद ही ऐसा था, जिस पर सामान्य वर्ग को काबिज कर एक वर्ग विशेष को साधने का काम कर सकते थे। लेकिन अब वो भी भाजपा ने छिन लिया। हालांकि पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मणसिंह नायक की नियुक्ति पर भी पार्टी में सामान्य वर्ग का एक बडा समूह भाजपा से नाराज था। 


झाबुआ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार कांतिलाल भूरिया के सामने भाजपा प्रत्याशी के रूप में भानु भूरिया चुनावी मैदान में थे, लेकिन उन्हे पराजय का सामना करना पडा था! पार्टी जानती थी की अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में भानु भूरिया फिर से टिकट के लिए दावेदारी करेंगे, उससे पहले ही पार्टी ने उन्हें जिलाध्यक्ष पद देकर जिले की राजनीति तक सीमित करते हुए उनके लिए विधानसभा तक पहुंचने का रास्ता बंद कर दिया! 


जिलाध्यक्ष पद देकर भाजपा ने विधानसभा चुनाव की दावेदारी से भानु को बाहर कर दिया। पार्टी के इस निर्णय से चुनाव की टिकट के दावेदार खुश होंगे की एक प्रतिद्वंदी चुनावी मैदान से बाहर हो गया।। साथ ही  जिलाध्यक्ष बनाकर भानु भूरिया के राजनीतिक भविष्य पर भाजपा ने चोंट की है।
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