श्याम त्रिवेदी की खास रिपोर्ट
महाविद्यालय में 84 लाख की सामग्री खरीदने से पूर्व ही भ्रष्टाचार की बांधी पाल!
भोपाल-झाबुआ के अधिकारीयों की मिली भगत!
एक ही फर्म को उपकृत करनें की तैयारी!
झाबुआ। शहर के एक शासकीय महाविद्यालय के लिए लाखों की सामग्री खरीदे जाने के पूर्व ही अधिकारीयों ने भ्रष्टाचार की पाल बांध ली है। सामग्री खरीदी जेम के माध्यम से होना है। बीट (टेंडर) में भंडार क्रय नियमों का पालन नहीं किए जाने की बात सामने आ रही है। इस मामले को लेकर विभाग के अधिकारियों में ही विरोधाभास है।
आदर्श महाविद्यालय (माॅडल कालेज) के लिए लेब फर्नीचर, सीसीटीवी सहित अन्य सामग्री खरीदने के लिए गवर्नमेन्ट ई मार्केटप्लेस (जेम) पोर्टल पर बीट (टेंडर) जारी किया गया। यह टेंडर अगले माह 2 दिसंबर 2022 को ओपन किया जाएगा।
महाविद्यालय में 76 लाख का फर्नीचर और 8 लाख की सीसीटीवी खरीदी जाना है। कुल 84 लाख की इतनी बडी राशि की सामग्री को खरीदनें के लिए भंडार क्रय नियमों का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया।
जारी बीट (टेंडर) में कई नियमों को अनदेखा करते हुए कुछ तो शर्तो में ढिल दी गई। तो कुछ जटील शर्ते भी डाल दी। इससे ऐसा लगता है कि किसी एक फर्म को फायदा पहुंचाने और स्थानीय व्यापारियों को इससे दूर रखे जाने का प्रयास किया गया है।
सरकारी खरीदी की पूरी प्रक्रिया में इतना बडा झोल दिए जाने के पीछे झाबुआ से लेकर भोपाल तक के अधिकारियों कि मंशा सवालों के घेरे में नजर आ रही है।
महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य सुरेशचंद्र जैन, सहायक ग्रेड-2 मुनसिंह परमार सहित क्रय समिति के सदस्य दिलीप पसंडिया, यशवंत पंवार, राकेश बघेल, दिनेश कुमार पाटीदार सामग्री खरीदी प्रक्रिया में शामिल है।
प्रभारी प्राचार्य सुरेशचंद्र जैन ने बताया कि भोपाल से बीट डाली है। दो टेंडर का प्रकाशन हमनें कराया है। लेब फर्नीचर और सीसीटीवी कैमरा खरीदना है। हमनें भंडार क्रय नियम का पालन किया है।
लेखापाल मुनसिंह परमार ने बताया की लगभग 80 लाख से अधिक की राशि से सामग्री खरीदनें के लिए बीट डाली गई है। बीट हमनें ही बनाई है। इसमें कुछ कमीयां है, तो वो देखकर बताउंगा।
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