भाजपा जिलाध्यक्ष भानु ने बिगाडा पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मण का खेल!
राजनीतिक दखल से किए फैरबदल से अधिकारियों में बडी दूरीयां!
झाबुआ। भाजपा के निवृत्तमान जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक ने जिलाध्यक्ष जाने के बाद भी अपने चहेते अधिकारियों को उपकृत करने का पूरा प्रयास किया। लेकिन वर्तमान जिलाध्यक्ष भानु भूरिया ने उनके मंसुबे पूरे नहीं होने दिए। जिससे डिप्टी कलेक्टर और एसडीएम जैसे अधिकारियों में वैमनस्यता बढ गई।
डिप्टी कलेक्टर तरूण जैन को थांदला एसडीएम पद पर बैठाने और और थांदला एसडीएम अनिल भाना को कलेक्टोरेट में बुलाने के पूरे मामले में एक ही पार्टी से दो अलग-अलग जगह से मौखिक निर्देश जारी हुए थे!
निवृत्तमान जिलाध्यक्ष लक्ष्मणसिंह नायक की मंशा थी कि डिप्टी कलेक्टर तरूण जैन को थांदला का एसडीएम बनाया जाए। श्री नायक की मंशा पूरी भी हो गई।भाजपा जिलाध्यक्ष भानु भूरिया और थांदला के पूर्व विधायक कलसिंह भाबोर चाहते थे कि अनिल भाना थांदला एसडीएम के पद पर बने रहे।
भाजपा जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए श्री नायक की वर्तमान जिलाध्यक्ष भानु भूरिया ने एक न चलने दी। और उनके मंसूबो पर पानी फैर दिया। तरूण जैन को दो दिन में ही थांदला के एसडीएम पद की कुर्सी छोडकर कलेक्टोरेट कार्यालय में लौटना पडा।
इस पूरी घटना के बाद कलेक्टोरेट कार्यालय में अधिकारीयो-कर्मचारियों के बीच प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे है। इससे भी बडी बात यह है कि इस प्रकरण से अधिकारियों में वेमनस्यता बढ गई है। दो दिन के लिए बनाए गए एसडीएम तरूण जैन इस घटना से बडे व्यथित और आहत है।
सूत्रो की मानें तो झाबुआ एसडीएम पद से हटाए गए एलएन गर्ग को मेघनगर का एसडीएम बनना था। थांदला के लिए तरूण जैन ने अपनी बिछात बिछा दी थी। दोनो अधिकारियों को एसडीएम बनाने में पूर्व जिलाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह नायक का प्रयास बताया जा रहा है।
इस मामने में कलेक्टर रजनी सिंह के पास दो प्रस्ताव गए थे।
थांदला एसडीएम के लिए तरूण जैन और मेघगनर एसडीएम बनाए जानें के लिए एलएन गर्ग के नाम का प्रस्ताव गया था। लेकिन कलेक्टर रजनी सिंह ने एक थांदला का प्रस्ताव ही स्वीकार किया। और तरूण जैन के नाम का आदेश जारी हो गया।
पूर्व जिलाध्यक्ष श्री नायक से श्री गर्ग की नजदीकियों का लाभ लेते हुए वे मेघनगर के एसडीएम बनना चाहते थे। दो दिन के इस घटनाक्रम से डिप्टी कलेक्टर श्री जैन, थांदला एसडीएम श्री भाना और पूर्व एसडीएम श्री गर्ग के रिश्तों में खिंचाव आना तय है।
इस घटना के बाद झाबुआ एसडीएम सुनील झा को भी अपनी कुर्सी हिलती नजर आ रही है। डिप्टी कलेक्टर तरूण जैन और एलएन गर्ग से खतरा नजर दिखाई दे रहा है। यह दोनो अधिकारी अपने राजनीतिक प्रभाव और रिश्तों से श्री झा को कब बाय-पास कर दे इसका कोई भरोसा नही।
अंदरखाने की मानें तो डिप्टी कलेक्टर तरूण जैन के लिए एक आदेश ऐसा भी तैयार किया गया था, जिसमे उल्लेख था कि, 5 जनवरी 2023 के बाद तरूण जैन थांदला एसडीएम पद पर बने रहेंगे। लेकिन उस आदेश पर कलेक्टर ने हस्ताक्षर नहीं किए। और निरस्ती वाले आदेश पर कलेक्टर ने अपनी मौहर लगा दी।
जानकारों का कहना है कि निर्वाचन कार्य में संलग्न होने का हवाला देकर थांदला एसडीएम अनिल भाना को वहीं बैठाना सिर्फ एक समाधान के रूप देखा जा सकता है। आदेश जारी करने से पूर्व कलेक्टर को इसकी जानकारी नहीं होगी की निर्वाचन नामावली का कार्य चल रहा है।
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