जन संवाद कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने कहा- कुरीतियों को दूर भगाकर समाज के लोग एक अच्छे आदिवासी समाज की रचना करे
पिटोल ! कोरोना जैसी महामारी भी झाबुआ जिले के मेहनतकश आदिवासी समाज को अपनी चपेट में नहीं ले सकी क्योंकि वे स्वस्थ व प्राकृतिक जीवन जीते है किंतु दहेज, शराब, लडाई झगडे के साथ ही शादी ब्याह में किये जाने वाले बेजा खर्चो के कारण उनके जीवन में आशातीत सुधार नहीं आ रहा है जिसके कारण वे कर्जदार बने हुवे है नतीजा उनका कर्ज उनकी कई पिढियों तक को चुकाना पड रहा है।
उक्त बातें शुक्रवार को स्थानिय पुलिस चैकी पर एक जन संवाद कार्यक्रम के दौरान आसपास की कई पंचायतों से आऐ सरपंच, तडवी, जनप्रतिनिधीयों के साथ ही ग्रामीणजनों की उपस्थिति में पुलिस अधिक्षक अगम जैन ने कही। श्री जैन ने कहा कि वे इस कार्यक्रम के माध्यम से सीधे जनता से उनकी समस्याऐं व सुझाव जानने यहां पहुंचे है।
इन पर डाला प्रकाश ......
- कम उम्र में बेटियों का नहीं करे विवाह ।
- विवाह में दहेज की राशि पर सामुहिक व सामाजिक निर्णय की जरुरत। कहा नहीं बने कर्जदार। पिता का लिया हुआ दहेज बेटीयों को पसीना बहाकर चुकाना पड रहा है। इससे तो अच्छा है इस सामाजिक बुराई को सब मिलकर खत्म करें।
- नई पौध आत्म हत्या जैसे अपराध कर रही है उन्हें समझाईश देने हेतु सामाजिक पहल करने हेतु डाला प्रकाश।
- शादीयों में डीजे की जगह पारम्परिक वाद्य यंत्रों से भी मनाऐ उल्लास कहा खर्च भी होगा कम व लोक संस्कृति भी नही होगी लुप्त।
यह थी मांग व सुझाव!
- किसी वाहन र्दुघटना में शव रखकर ‘‘मौत के बदले मौताना’’ मांगने की प्रवृति को सामाजिक व प्रशासनिक रुप से मिलकर निपटने के लिये आऐ सुझाव।
- शव का अपमान कर ब्लेकमेल करते हुवे रुपऐ ऐंठने जैसे अपराध पर पुलिस के साफ्ट कार्नर की जगह सख्ती से निपटने की उठी मांग।
- 31 गांवो की पुलिस चैकी को थाना बनाऐ जाने की उठी मांग।
पुलिस अधिक्षक नें किसी भी मामलों में कानुन व्यवस्था हाथ में न लेते हुवे थाने चैकी पर प्राथमिकी दर्ज करने हेतु कहा।
वे बोले रिपोर्ट करे उन्हें न्याय मिलेगा।
कर्यक्रम में उपस्थि एसडीओपी बबिता बामनिया ने पैसा एक्ट पर प्रकाश डाला।
ये रहे मौजुद
इस अवसर पर मकनसिंग गुंडिया, उप सरपंच किसन नागर, काना गुंडिया, खुनसिंग भाई, पेमा भाबोर, बलवंतसिंग मेडा, सरपंच खेडी दिनेश भाई, विनोद पंचाल, पत्रकारों सहित क्षैत्र के ग्रामीणजन चोकी प्रभारी पल्लवी भांवर व पुलिस बल उपस्थित थे।
जन संवाद की खास बात यह थी कि पुलिस से दुर रहने वाले ग्रामीण घुलमिलकर बेबाकी से देते रहे सुझाव व बताई समस्या।
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