यह पुस्तक गिनीज बुक ऑफ रेकार्ड में आएगी मेरा ऐसा विश्वास है - डाॅ त्रिवेदी
श्री भंडारी पदमश्री सम्मान के हकदार है - श्री भावसार
झाबुआ। यश के भंडार श्री यशवंत भंडारी जी को राष्ट्रीय उपलब्धि पर आप सब की और से में बहुत बहुत बंधाई देता हूं! साहित्य और पत्रकारिता समाज का आईना है! इस दृष्टि से यह संगम अपूर्व है, अदभुत है! आनंद अश्रु आपकी पहली पुस्तक है! जब जीवन में भावनाओं का अतिरेक होता है तब कविता का जन्म होता है!
उक्त उदगार जिला आजाद साहित्य परिषद के अध्यक्ष डाॅ के.के. त्रिवेदी ने व्यक्त किए! अंचल के साहित्यकार यशवंत भंडारी यश द्वारा लिखी पुस्तक (वर्णमाला में मनोभाव) का इंडिया बुक्स ऑफ रिकार्ड में चयन होने पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बौल रहे थे! यह आयोजन शनिवार को क्षेत्र के समस्त साहित्यकारों एवं साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आयोजित किया गया था!
समारोह के अतिथि दैनिक स्वतंत्र ऐलान के संपादक दौलत भावसार, जैन श्वेताम्बर श्री संघ के प्रवक्ता डाॅ प्रदीप संघवी, सामाजिक महासंघ के अध्यक्ष नीरज राठौर, सकल व्यापारी संघ केे अध्यक्ष संजय कांठी, रोटरी क्लब मेन के अध्यक्ष कार्तिक नीमा, पत्रकार यशवंत पंवार थे!
श्री त्रिवेदी ने कहा कि श्री भंडारी द्वारा लिखी गई पुस्तक स्कूली बच्चों की वर्णमाला में तो आए ही, इसके साथ ही यह पुस्तक पोस्ट ग्रुेजुएशन हिन्दी में भी आनी चाहिए! श्री भंडारी ने पुस्तक लिखी है, ऐसी पुस्तक अभी तक नहीं लिखी गई है, यह पुस्तक गिनीज बुक ऑफ रेकार्ड में आएगी मेरा ऐसा विश्वास है!
श्री कांठी ने कहा कि जिनके शब्द और उदबोधन सुनने के लिए हम आतुर रहते है, क्यों कि हर संबोधन में हमें कुछ सीखने को मिलता है। साहित्य के क्षेत्र में इस उपलब्धि पर हम श्री भंडारी जी को बधाई देते है!
पत्रकार श्री पंवार ने कहा कि यह एक व्यक्तिगत उपलब्धि है लेकिन इससे झाबुआ जिले का नाम भी रौशन हुआ है! इंडिया बुक्स ऑफ रेकार्ड ने आपको सम्मान दिया! हिन्दी साहित्य की आपने बडी सेवा की है! श्री पंवार ने कहा कि इसे स्कूली पाठयक्रम में पढाना चाहिए! हिन्दी वर्णमाला सिखाने के लिए इस तरह की पुस्तक का इस्तेमाल होना चाहिए!
श्री भावसार ने कहा कि अपनी काव्य रचना के माध्यम से श्री भंडारी ने इस आदिवासी अंचल का नाम पूरे देश में गौरवान्वित कर दिया है ,आप बधाई के पात्र है! वास्तव में श्री भंडारी पदमश्री सम्मान के हकदार है! जो कठिन काव्य रचना है, उसे इन्होेंने मूर्त रूप दिया! यह अनुठा काव्य लिखा गया है!
श्री संघवी ने पुस्तक के बारे मे जानकारी दी! साथ ही कहा कि आप साहित्य के धनी और अधिकारी है! आपका सम्मान करना हमारे लिए सोभाग्य की बात है! इस पुस्तक में जो क्रम आया है वह पढने लायक है!
व्यापारी संघ के सचिव हिमांशु त्रिवेदी ने बताया कि इस पुस्तक में 47 अक्षर है! उस पर जो कविता लिखी गई है, उसके हर अक्षर के एक शब्द को पुरी तीस लाईन में लिखा गया है, जो कि अदभुत है!
वर्णमाला में मनोभाव के लेखन श्री भंडारी ने पुस्तक के बारे में विस्तृत जानकारी दी एवं इंडिया बुक्स आॅफ रेकार्ड में चयन की प्रक्रिया से अवगत कराया!
कार्यक्रम का शुभारंभ माॅ सरस्वती के चित्र की पूजा व माल्यार्पण के साथ किया गया। अतिथियों एवं पत्रकारों का स्वागत कार्यक्रम संयोजक सुनील कुमार संघवी, राजेन्द्र आर. भंडारी, निखिल भंडारी, प्रमोद भंडारी, श्री फुलपगारे, जयैन्द्र वैरागी द्वारा तिलक लगाकर एवं मोतियों की माला पहनाकर किया गया!
श्री भंडारी का सम्मान!
श्री भंडारी का स्वागत व सम्मान उपस्थित अतिथियों द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर व माला पहनाकर किया गया! इंडिया बुक्स ऑफ रेकार्ड द्वारा दिया गया प्रमाण पत्र व प्रतिक चिन्ह भी दिया गया!
स्वागत उदबोधन साहित्यकार प्रवीण सोनी द्वारा दिया गया! मंच का सफल संचालन साहित्यकार शरद शास्त्री द्वारा किया गया! आभार निखील भंडारी ने माना!
इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेता महेन्द्र तिवारी, मनोज अरोरा, प्रभारी जनसंपर्क अधिकारी सुधीर कुशवाह, सहित कई साहित्यकार, पत्रकार व नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे!
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