पिटोल से निर्भय सिंह ठाकुर की रिपोर्ट
भगोरिया का उत्सवी शोर पिटोल के अंतिम भगोरिया के बाद थमा!
अब आदिवासी अंचलों में विवाहोत्सवों की रहेगी धूम!
पिटोल - मंगलवार को पिटोल का अंतिम भगोरिया देखने के लिये म.प्र. व गुजरात राज्य के आदिवासी अंचलों से भारी भीड उमडी। पिटोल के दोनों राज्यों की सीमा पर बसे होने के कारण यहां दोनो राज्यों की संस्कृति के अलग अलग रंग देखने को मिले।
प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा जिले के बहुचर्चित भगोरिया पर्व को सांस्कृतिक धरोहर मानते हुवे राजकीय दर्जा घोषित होने के बाद लोक संस्कृति के इस पर्व को आने वाले समय में राष्ट्रीय पटल पर कितनी तवज्जो मिलती है वह किस रुप में होगी यह तो भविष्य के गर्त में है किंतु इन सब से परे सात दिनों से जिले का आदिवासी समाज एक अनुठे अंदाज में इस पर्व को मनाने में मशगुल रहा।
होली के बाद अब समाज में विवाहों की रहेगी धूम रहेगी ओर टोलो मजरों पर रात रात भर बजेगे शादी के गीत।
पिटोल के भगोरिया हाट में युवक युवतियों की अल्हडता, उत्साह उमंग नें अंतिम भगोरिया में होली के पुर्व भगोरिया की मस्ती में एक अलग ही रंग भर दिया।
चुनावी वर्ष के चलते राजनेतिक दलों नें भी अपने अपने समर्थकों के साथ ढोल मांदल पर थिरकते होली के इस बासंती रंग में रंगने का आनंद लिया।
वही व्यापारीयों ने भी भगोरिया की इस मस्ती को दुगुना करने के लिये हर तरह की दुकाने लगाकर जमकर व्यापार भी किया एवं इस मस्तीभरे पर्व का लुत्फ भी उठाया। दोपहर 1 बजे मेला स्थल पर भगोरिया का उल्लास अपने पूरे उफान पर था। झुले चकरी व अन्य मनोरंजन के संसाधनों के लिये लोगों को अपनी बारी का इंतजार करना पडा।
राजनेतिक दलों ने निकाली गेर!
कांग्रेस ओर भाजपा दोनो प्रमुख राजनेतिक दलों ने अपने अपने समर्थकों के साथ गेर निकाली। दोनों दलों की ओर से कोई 50 ढोलों ओर सैकडों ग्रामीणों के साथ सिर पर पारम्परिक पगडी बांधकर ढोल बजाते नृत्य करते पिटोल के प्रमुख मार्गों से होते हुवे मेला स्थल पहुंचे जहां सबने एक दुसरे को भगोरिया के साथ ही होली मिलन की बधाई दी। कांग्रेस की गेर का नेतृत्व प्रदेश युवक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भुरिया ओर जिला कांग्रेस अध्यक्ष व जेवियर मेडा कर रहे थे।
साथ में हेमचंद डामोर, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति भाबोर, जसवंत भाबोर, काना गुंडिया, निर्भयसिंह ठाकुर, खुनसिंग भाई, पेमा भाबोर, वहीं भाजपा की गेर में जिला भाजपा अध्यक्ष भानु भुरिया, शांतिलाल बिलवाल, मनोहर सेठिया, सोमसिंग सोलंकी, कुलदीप चैहान, गोविंद अजनार, बहादूर हटीला, हरु भुरिया, जगदीश बडदवाल, महेन्द्रसिंह ठाकुर, दिनेश मेवाड व अन्य पदाधीकारी सरपंच मौजुद थे।
15 स्थलों पर थी तेनात पुलिस बल की अलग अलग टुकडीयां
जिस तरह से पिटोल में चारों ओर से भीड आ रही थी। सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस भी तत्परता से निभा रही थी। स्थानीय चौकी प्रभारी पल्लवी भांवर ने 15 स्थलों को चिन्हीत किये थे जहां से व्यवस्था को नियंत्रित किया जा सके वहां पर पुलिस बल की तैनाती की गई। वरिष्ठ अधिकारी हालात का जायजा लेते रहे । शाम तक किसी प्रकार की कानुन व्यवस्था बिगडने की कोई सुचना नहीं मिली।
4 बजे बाद भीड को पुलिस द्वारा तितर बितर किया जाने लगा। होलीका दहन होने के कारण भगोरिया के उल्लास के बाद ग्रामीण होली के उपवास व पूजा के लिये व्यापार में मस्त दिखाई दिये। व्यापारीयों के अनुसार व्यापार सामान्य रहा।
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