सार्वजनिक स्थल पर बंदूक लहराकर फायर करना युवक को पडा भारी ,जाना पडा जेल!
माॅ की लायसेंसी बाराबोर बंदूक बेटा चला रहा था, कई जगहों पर हो चुकी घटनाओं के बाद भी नहीं ले रहे सबक!
पिटोल! आदिवासी संस्कृति के गल पर्व के उल्लास में हथियार का प्रदर्शन एक युवक को उस समय भारी पड गया जब समिपस्थ गांव नागन खेडी में गल पर्व के दौरान सैकडों लोग मन्नत उतारने वाले के साथ वहां बाबा गल के चक्कर लगाते हुवे नाच कुद रहे थे।
इस दौरान वहां नरेश पिता हुमा मछार उम्र 27 वर्ष निवासी नागनखेडी ने नाचते कुदते अति उत्साहित हो अपनी माता झमकु बाई की लायसेेंसी बंदुक से हर्ष फायर कर दिया। गनीमत रही कि इस फायर के होने से किसी प्रकार की जन हानी नहीं हुई।
पुलिस उपस्थिति में आरोपित युवक के फायर करने पर वह उनके आंखों की किरकिरी बन गया।
ड्युटी पर उपस्थित एएसआई कमलकांत पलवार व आरक्षक राकेश उईके ने समझाया कि वह बंदुक को सार्वजनिक कार्यक्रम में न चलाऐ किंतु नहीं मानने पर पुलिस नें बंदुक जप्त कर भादवि की धारा 25(ए) व 27 आर्मस एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया।
उक्त जानकारी देते हुवे चौकी प्रभारी पल्लवी भांवर ने बताया कि शासन द्वारा बंदुक का लाइसेंस क्षार्थ दिया गया है न कि उसके खुले रुप में इस तरह के प्रदर्शन के लिये। नागनखेडी में जिस तरह से लहराकर बंदूक चलाई गई कोई घटना नहीं हुई अन्यथा कोई बडी घटना से इन्कार नहीं किया जा सकता था।
अब ऐसे मामले बनते रहेंगे ......
चौकी प्रभारी पल्लवी भांवर ने बताया कि किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में जिनमे शादी ब्याह, धार्मिक आयोजन जुलुस या भीड वाली जगहों पर किसी के द्वारा भी यदि हर्ष फायर किये जाते है तो चलाने वाले के विरुद्ध वैद्यानिक कार्यवाही की जावेगी।
नागनखेडी के उक्त मामले में आरोपित नरेश पर प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर न्यायालय पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। लायसेंसी बंदुकों का दुरउपयोग करने वालों के लायसेंस निरस्त करने के लिये भी वरिष्ठ अधिकारीयों से अनुशंशा की जावेगी।
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