पिटोल से निर्भय सिंह ठाकुर की रिपोर्ट
पल में खुशी का माहौल बदला गम में!
शादी में नाचते गाते परिजनों को देखते हुवे युवक बैठे-बैठे लुढका ओर चल बसा!
पिटोल !मौत कब कहाॅं किसको कैसे आ जाऐ कुछ कहा नहीं जा सकता। बुधवार रात एक ऐसा ही एक मामला समीपस्थ ग्राम कालिया छोटा में आया जब एक आदिवासी मेडा परिवार में एक विवाह समारोह के दौरान रात को 1 बजे डीजे पर परिवार मोहल्ले के लोग नाच रहे थे कि अचानक वहां यह सब देख रहे एक 42 वर्षीय युवक मन्नु पिता जवा मेडा बेठे बेठे वहीं पर लुढक गया।
अचानक हुए स्वास्थ खराब को देखते हुए लोग उसे स्थानीय प्राथमिक स्वा. केन्द्र पर लाऐ जहां डाक्टर नें आवश्यक जांच की किंतु युवक की मौत हो चुकी थी। जांच कर रहे डाक्टर अंतिम बडौले ने इसे कार्डिक अटेक बतात हुवे मृत घोषित कर दिया। युवक के मृत होने की सुचना के बाद खुशियों का माहौल पल भर में गमगीन हो गया।
घातक है डीजे का साउण्ड!
स्वास्थ्य अधिकारी अंतिम बडौले ने बताया कि उक्त मामले में युवक की मौत हार्ट अटेक से हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोरोनरी आर्टरी के रफ्चर होने के कारण ऐसा होना प्रतित होता है। किंतु चिकित्सीय नजरीये से कई मर्तबा ऐसा होता है जब डीजे के ऋदम के कारण हार्ट का ऋदम तेजी से होता है।
तब उससे होने वाले टेकी कार्डिया के कारण टेकी अरीदमीया होता है। ओर टेकी अरीदमीया के कारण कार्डिक अरेस्ट होता है ओर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। ऐसे में डीजे का तेज साउण्ड मनुष्य के लिये घातक होता है।
क्या है टेकी कार्डिया!
अगर हार्ट रेट बढकर 100 बीट्स प्रति मिनट से ज्यादा हो जाती है, तो इस स्थिति को टेकीकार्डिया कहते है। ऐसे में हार्ट अटेक का खतरा बढ जाता है।
सुझाव !
जो लोग वृद्ध है या 40 वर्ष की उम्र के पार है उन्हें या जिन्हें हदय रोग हे उन्हें डीजे के साउण्ड से दूर रहना चाहिये।
- गर्भवती महिलाओं को खासकर सावधान रहते हुवे डीजे से दूर रहना चाहिये।
- डीजे की तेज आवाज के चलते गर्भपात की भी आशंका रहती है।
उक्त सुझाव देते हुवे डाॅ. बडौले ने बताया कि तेज आवाज में चलने वाले डीजे से स्वास्थ पर प्रतिकुल असर होता है जिससे बचना चाहिये।
मौत के बाद मर्ग हुआ कायम
जांच कर रहे सउनि. गोविन्द भामदरे ने बताया कि पीएचसी पिटोल के वार्डबाय द्वारा युवक की मौत की सुचना दी गई जिस पर से मर्ग कायम कर पीएम करवाया गया।
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