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पिटोल पंचायत में आयोजित ग्राम सभा में 5 पंच ही पहुंचे 15 नदारद!
पिटोल से निर्भय सिंह ठाकुर की रिपोर्ट

श्याम त्रिवेदी
Last Updated 2023-04-15T06:08:18Z


पिटोल से निर्भय सिंह ठाकुर की रिपोर्ट

पिटोल पंचायत में आयोजित ग्राम सभा में 5 पंच ही पहुंचे 15 नदारद!

ग्राम सभा में बाबा साहब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर को किया नमन!


पिटोल ! सामाजिक न्याय के प्रणेता, भारत के संविधान निर्माता, भारत रत्न बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर की जयंति पर पिटोल पंचायत में एक कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें नमन किया गया। 

 इस अवसर पर म.प्र. शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रदत्त 14 अप्रेल से 18 अप्रेल 2023 तक ग्राम सभाओं का चरणबद्ध आयोजन किया जाना है जिसमें शासन की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये ऐजेण्डा तय किया गया।


जिसमें 12 महत्वपुर्ण विषयों पर चर्चा की जाना थी किंतु आश्चर्यजनक रहा कि शासन के जनहित के इतने महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिये ग्रामीण तो ठीक पंचायत के जिम्मेदार पदों पर बैठे जन प्रतिनिधियों के पास समय नहीं था। 


सरपंच व उपसरपंच के अलावा 20 में से मात्र पांच पंचों की उपस्थिति इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में रही यह एक मुद्दा बनकर उभरा। पेयजल व कचरा वाहन एक बडी जन समस्या पिटोल में वर्तमान में नीचे जाते जल स्तर के कारण जल स्रोतों से मिल रहा पानी पिटोल क्षैत्र की बडी आबादी के लिये पर्याप्त नहीं है। 


यहां संचालित नल जल योजना से नियमित जल प्रदाय नहीं हो पाने के कारण ग्रामीणों को या तो पानी खरीदकर पीना पड रहा है या फिर उन्हे दूर दूर तक जाकर पीने का पानी लाना पड रहा है। इसमें खासकर महिलाओं की फजीहत हो रही है जो दिनभर अपने परिवार के लिये आवश्यक कार्य भी करती है व बाकी समय पानी के लिये इस भीषण गर्मी में उन जल स्रोतों पर जाकर नम्बर लगाती है जहां पानी उपलब्ध हो पा रहा है। 


 दूसरी तरफ ग्रामीणों ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि एक तरफ देश के प्रधानमंत्री स्वच्छ व निर्मल भारत की परिकल्पना कर रहे है वहीं सरकारें इन सब के लिये संसाधन तक मुहैया नहीं करवा पा रही है। 


सांसद, व विधायक से ग्रामीणों नें ग्राम सभा में इस बात की भी अपिल की कि वे पानी के टेंकरों के साथ अपनी निधी से उन पंचायतों को जहां कि बाजार लगते है। कचरा वाहन या ऐसी ट्रालियां भी उपलब्ध करवाऐ जिसमें गीला व सुखा कचरा अलग अलग डाला जा सके। 


पानी के टेंकरों का उपयोग जनहित की जगह स्वहित के लिये ज्यादा हो रहा है या फिर उन नेताओं के प्रचार के साधन मात्र बने हुवे है जिन्होने पंचायतों को इन्हें मुहैया कराया है। कुल मिलाकर आमजन के लिये ये पानी के टेंकर उपयोगी साबित नहीं हो रहे है। 


इन मुद्दों पर होना थी चर्चा - लाडली बहना योजना। - बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006। - बेटी बचाओ, बेटी पढाओ। - स्कुलों ओर आंगनवाडी केन्द्रों में स्वच्छ जल की उपलब्धता। - ग्राम गौरव दिवस कार्यक्रम। - शुद्ध पेयजल की नियमित उपलब्धता तथा नल जल योजना के रखरखाव की व्यवस्था। - कुपोषण मुक्त ग्राम। - शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी ग्राम सभा के समक्ष रखना। - विभिन्न प्रकार की पेंशन योजनाओं में लाभ लेने वाले हितग्राहियों की सूची का वाचन। - अन्त्योदय सर्वे। - आरोग्यम में प्रदाय की जाने वाली एवं स्वास्थ्य विभाग संबंधी योजनाओं के साथ ही अन्य विषय पर अध्यक्ष की अनुमति से चर्चाऐं की जाना थी किंतु कोरम पुरा नहीं होने के कारण यह सिर्फ चर्चाओं तक ही सिमट कर रह गई।


पिटोल को मिले 7 टेंकरों में से 4 के पते नहीं ग्राम सभा में सरपंच रेशमा मकनसिंग गुंडिया नें बताया कि अब तक पिटोल पंचायत को पुर्व में तत्कालीन सांसद, विधायकों एवं जिला पंचायत से कुल 7 पानी के टेंकर मिले है किंतु उन्हें मात्र 3 टेंकरों की जानकारी है बाकी के कहां है कुछ पता नहीं।


इस अवसर पर सरपंच रेशमा गुंडिया, उपसरपंच रामकृष्ण नागर, पंचगणों में हिमांशु कुण्डल, संदीप शर्मा, देवेन्द्र मकवाना, हिम्मत गुंडिया व ग्रामीणजन उपस्थित थे। 


जल प्रदाय मई तक ही संभव पिटोल में गहराते जल संकट को लेकर सरपंच रेशमा मकनसिंग गुंडिया ने बताया कि नल जल योजना के लिये उपलब्ध जल स्रोत धीरे धीरे सुख रहे है ऐसे में उनमें पानी की उपलब्धता मई माह तक ही संभव है।



ग्राम सभा में उन्होने यह प्रस्ताव शासन को भेजने की बात कही कि पिटोल को इस संभावित जल संकट से निपटने के लिये कार्य योजना उपलब्ध करवाई जाऐ जिससे वे ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध करवा सके।
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