क्षेत्र में‘‘मंदसोर का मेवा’’ नाम से चर्चित ‘डोडा चूरा’ जब्त!
पिटोल पुलिस ने राजस्थान के एक आरोपित को किया गिरफ्तार!
पिटोल ! मंगलवार शाम पिटोल में इंदौर-अहमदाबाद हाईवे रोड पर स्थित ग्राम कालाखुंट में श्रीराम बजरंग चोधरी ढाबे से पुलिस ने एक आरोपित रेखाराम पिता खेताराम जाट उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम दरगुडा तहसील सीलधरी जिला बाडमेर राजस्थान के कब्जे से 2 थेलियों में भरा डोडाचुरा 10 किलो 413 ग्राम अनुमानित कीमत 10 हजार चार सौ रु. जप्त कर आरोपित को गिरफ्तार किया है जिसे न्यायालय पेश किया जा रहा है।
मामले में अपराध क्र. 649/23 धारा 8/15 एनडीपीएस एक्ट में दर्ज कर विवेचना में लिया गया।
चोकी प्रभारी पल्लवी भांवर ने बताया कि क्षैत्र के ढाबों पर अवैध डोडा चूरा बेचे जाने की खबरे मिल रही थी मुखबीर की सुचना के बाद पुलिस नें उक्त ढाबे पर घेराबंदी की ही थी कि भनक लगते ही ढाबे के पिछले हिस्से में डोडा चूरा बेच रहा उक्त युवक अपने दोनों हाथों में चूरे से भरी थेलियां लेकर भागा जिसे पुलिस नें दबोच लिया।
चौकी प्रभारी ने बताया कि पिटोल में गाहें बगाहें होने वाले अवैद्य मादक प्रदार्थो की धर पकड के लिये पुलिस अधिक्षक अगम जैन व वरिष्ठ अधिकारीयों से निर्देश मिलते रहते है। यह कार्यवाही भी उनके मार्गदर्शन में की गई जिसमें सउनि अमित बघेल, सउनि गोविन्द भामदरे, प्रआ. दिलिप, आरक्षक राकेश, मुकेश व अनसिंग की खास भुमिका थी जिन्होने अपने मुखबीर तंत्र के सहारे आरोपित को मय डोडा चूरा के दबोचा।
ट्रक ड्रायवरों व युवाओं में है अधिक लत!
गोरतलब है कि अवैद्य मादक प्रदार्थों की तस्करी को लेकर धंधेबाज लोग बेखौफ है। यहां से गुजरात राज्य में मादक प्रदार्थो की तस्करी व मन्दसोर क्षेत्र से लाकर अफीम व डोडा चूरा का कारोबार दबे छुपे किया जाता रहा है। किंतु गत छ: माह के दौरान पिटोल पुलिस की यह डोडा चूरा पकडने की दुसरी कार्यवाही है।
बताया जाता है कि पंजाब, राजस्थान के साथ ही अन्य प्रदेश के वाहन चालकों में डोडा चूरा सेवन की लत अधिक है। यही कारण है कि हाईवे पर इस तरह के कारोबार करने वाले लोग सक्रिय रहकर अवैद्य रुप से डोडा चूरा बेचने का काम ढाबों की आड में करते है एवं इसे मन्दसौर का मावा कोड वर्ड नाम से पुकार कर हांसिल कर लेते है।
इस कोड को बेचने वाला व खरीदने वाला दोनो समझ लेते है। गोर तलब है कि मंदसौर जिले में इसकी खेती बहुतायत में होती है। वहां से लाकर यहां बेचने पर इन अवैद्य धंधेबाजों को खासा मुनाफा होता है।
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