कैथोलिक मिशन हाई स्कूल हिंदी मीडियम के स्टूडेंट्स का हुआ रियूनियन!
29 साल बाद स्कूल में दोस्तों ने किया अपने शिक्षकों का सम्मान!
कैथोलिक मिशन हाई स्कूल की 1994 बैच-
प्रेजेंट है/मेम
झाबुआ! 1980 से 90 के दशक में स्थानीय कैथोलिक मिषन हाई स्कूल में पढ़ने वाले हिंदी मीडिय के विद्याथिर्यों का 29 साल बाद रियूनियन हुआ। सथी विद्यार्थी अपनी स्कूल की फोटो वाली टी शर्ट पहनकर स्कूल प्रांगण में पहुंचे। जहां उस दौर के शिक्षकों और स्टाफ का सम्मान कर उन्हे मोमेंटों भेंट किये गए।
शिक्षको ने लीअटेन्डेंस!
29 साल बाद एक बार फिर सारे स्टूडेंट्स क्लास रूम में जमा हुए जहाँ शिक्षकों ने उनकी अटेन्डेंस लेकर उस समय की बातों को याद किया।
मिलों लंबा सफर तय कर पहुंचे झाबुआ!
अपने पुराने दोस्तों से 29 साल बाद मिल रहे कई स्टूडेंट्स इस रियूनियन में शामिल होने मिलों लंबा सफर तय कर झाबुआ पहुँचे थे।
यूके से राजेश वमार्, बैतुल से राजेश पंडागरे, भोपाल से डाॅ पियूश दूबे, खंडवा से अजय कनाड़े बड़ौदा से पियूशा मालू, चित्तौड़ से रश्मि पंवार और महू से कमला मकवाना अपने दोस्तों से मिलने झाबुआ पहुंचे।
झाबुआ शहर के 25 विद्याथिर्यों के अतिरिक्त 25 से अधिक अन्य ऐसे विद्यार्थी थे जो इंदौर समेत अपने-अपने शहर से लंबा सफर तय कर इस रियूनियन में शामिल होने झाबुआ पहुंचे थे।
शिक्षकों और स्टाफ का किया सम्मान!
रियूनियन के दौरान मिशन स्कूल के प्रांगण में एक कायर्क्रम आयोजित किया गया। जिसमें 1980 और 1990 के दशक में अपनी स्कूलिंग के दौरान पढ़ाने वाले शिक्षकों को आमंत्रित कर मौजुद विद्याथिर्यों ने उनका स्वागत और सम्मान किया।
रियूनियन का मोमेंटों भेंट कर सम्मान किया!
इस दौरान कैथोलिक मिशन स्कूल में पढ़ाने वाले एसएम खान सर, पवनेन्द्र चौहान, आभा तोमर मेम, इंदिरा जैन मेम और उस समय से अब तक स्कूल के स्टाफ में रही तारा दीदी का पुष्प माला पहनाकर स्वागत कर स्कूल की रियूनियन का मोमेंटों भेंट कर सम्मान किया गया।
फादर का सम्मान!
कायर्क्रम के दौरान विशेष रूप से फादर प्रताप बारिया मौजुद रहे। उनका भी विद्याथिर्यों द्वारा सम्मान किया गया। इस कायर्क्रम के दौरान सभी शिक्षकों ने अपने स्टूडेंट्स से जुड़ी यादें साझा की और सभी ने एक अच्छे आयोजन की बधाई देते हुए विद्याथिर्यों को शुभकामनाएं दी।
कुछ यूं रहा दोस्तों से मिलने का पूरा दिन!
सोशल मिडिया प्लेटफामर् की मदद से मिले 1994 बैच के विद्याथिर्यों के रियूनियन को लेकर 4 जून का दिन तय किया गया। कई पेरशानियों के बाद भी सभी साथिर्यों ने इस रियूनियन का हिस्सा होने की सहमति दी।
सभी विद्यार्थी 4 जून को शहर की एक निजी होटल में सुबह एकत्र हुए.. जहां से सुबह देवझिरी नसर्री में सभी विद्याथिर्यों ने जिले की पहचान दाल पानिये का लुत्फ लिया।
कई विद्यार्थी ऐसे थे जो इसका स्वाद भूल चुके थे। वापस वही स्वाद पाकर वे सभी आनंदित थे। दोपहर 4 बजे सभी विद्यार्थी कैथोलिक मिशन हाई स्कूल के प्रांगण में एक से ड्रेस कोड में पहुचे। जहां मुख्य कायर्क्रम का आयोजन हुआ।
देर रात एक अन्य कायर्क्रम में सभी साथी निजी होटल प्रांगण पहुंचे जहां सभी ने अपने कार्यक्षेत्र के साथ उस दौर की यादें एक दूसरे से सांझा की। जमकर नाच गाने और रात्री भोज के बाद साथियों को विदाई दी गई।
रियूनियन की रीढ़ बने ये साथी
भाग दौड़ती ज़िदगी में पूराने समय की याद तो सबको आती है, लेकिन उन यादों को दोस्तों के साथ जीने का मौका सोशल मीडिया पर ही मिल रहा है।
ऐसे में दोस्तों से रूबरू होने का मौका सोशल मीडिया ने ही दिया और झाबुआ शहर के दोस्तों ने सभी को एक बार फिर उसी स्कूल में जमा होने के लिये तैयार किया।
ग्रुप तैयार हुआ और आपसी सहमति के बाद 4 जून रविवार को वह दिन भी आ गया जब 29 साल बाद कई दोस्त एक दूसरे के सामने थे। प्रभुप्रकाश डामोर, जगदीष राठौड़,सचिन जैन, जितेंद्र राठौड़, और सचिन जोशी समेत कई साथियों ने पूरी व्यवस्थाओं को कलमबद्ध कर सफल आयोजन की नींव रखी।
इस साथियों ने झाबुआ पहुंचकर रियूनियन को सफल बनाया!
राजेश वमार्, राजेश पंडागरे, डाॅ पियूश दूबे, अजय कनाड़े, जितेंद्र ठाकूर, इरफान खान, प्रभुप्रकाश डामोर, जितेंद्र राठौड़, सचिन जैन, नरेंद्र ठाकूर, आशीष कटलान, अमित मेहता, कल्पेश आसदेवा, भरत पाटीदार, जयंत रावत, दिलीप कटारा, जगदीश राठौड, शंकर परमार, कमलेश कलानी, कपिल शाह, जितेंद्र ठाकूर, दलसिंह मावी, सूनिल चौहान, राजेश वमार्, देवेंद्र पांचाल, आशीष सोलंकी, राजकमल राठौड़, सचिन जोशी, फिरोज शेख, अरूण वमार्, रमेश गामर, नारू कटारा, पूजा कांठी, कमला मकवान, रश्मि पंवार, अलेफिया बगीचावाला, पियूषा मालू, प्रिति पडियार और संगीता अरोड़ा मौजुद रहे।
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