झाबुआ से श्याम त्रिवेदी की खास रिपोर्ट
पैसा कानून के जनक स्व. दिलीपसिंह भूरिया की कल आठवीं पुण्यतिथि!
प्रतिमा स्थल पर उनके अनुयायियों का लगेगा मेला!
झाबुआ। पैसा कानून के जनक एवं आदिवासियों के मसीहा स्वर्गीय दिलीपसिंह भूरिया की आठवीं पुण्यतिथि कल उनके प्रतिमा स्थल मेघनगर नाका पर मनाई जाएगी! यहां उनके अनुयाई भारी तादाद में एकत्रित होकर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे!
स्व. दिलीपसिंह भूरिया झाबुआ रतलाम संसदीय क्षेत्र से 6 बार सांसद, पेटलावद से विधायक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष, जिला थोक उपभोक्ता भंडार के संस्थापक अध्यक्ष रहते हुए अखिल भारतीय सहकारी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अंतरराष्ट्रीय सहकारी संघ के उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष, भूरिया कमेटी के अध्यक्ष जैसे अनेक संवैधानिक पदों पर रहते हुए आदिवासियों के हित में अनेक कानून बनाने का का काम उनके द्वारा किया गया!
श्री भूरिया के द्वारा बनाए कानूनों से आदिवासी समाज को अनेक लाभ मिले वही उनकी रीति रिवाज एवं परंपराओं को राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हुई! हाल ही में प्रदेश में उनके द्वारा बनाए गए पैसा कानून के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जनजाति समाज द्वारा अपने ग्राम के विकास एवं उसकी उन्नति के लिए योजनाएं तैयार की जा रही है!
जल, जंगल, जमीन और उनके हक के लिए श्री भूरिया द्वारा किए गए प्रयासों का परिणाम है कि आज ग्राम सभा अपने ग्राम के हित में निर्णय लेकर आपसी सलाह एवं सामंजस्य से विवादों का निपटारा भी करने लगी है!
स्व. भूरिया के प्रयासों से देश में सर्वप्रथम जिला सहकारी केंद्रीय बैंक झाबुआ के द्वारा चांदी गिरवी रखकर किसानों को ऋण देने की प्रथा प्रारंभ की गई थी जिसका अनुसरण पूरे देश की बैंक आज कर रही है!
सहकारिता के क्षेत्र में उनके द्वारा अनेक योजनाएं चल रही है! जिसका लाभ ग्रामीण किसान, आदिवासियों को मिल रहा है! श्री भूरिया के द्वारा तेंदूपत्ता मजदूरों के हित में अपनी समिति के माध्यम से दिए गए सुझाव पर तेंदूपत्ता आदिवासी मजदूरों को उनकी मजदूरी का पूर्ण लाभ नीति बनाकर दिया गया!
इसके अतिरिक्त आदिवासी हित के लिए कई योजनाएं बनाई गई जिसके कारण आज समाज व जनजातीय क्षेत्र का संपूर्ण सर्वांगीण विकास हो रहा है! इस युगपुरुष को कल उनकी आठवीं पुण्यतिथि पर उनके अनुयाई श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे.
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