वर्तमान शिक्षा गुरूकुल शिक्षा के आगे नगण्य हैं!
जहां विज्ञान समाप्त होता हैं वही से आध्यात्म शुरू होता हैं--पूज्या कपिला दीदी!
चंद्रशेखर आजाद नगर। वर्तमान शिक्षा प्राचीन काल की गुरूकुल शिक्षा के आगे नगण्य हैं! गुरूकुल शिक्षा में बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ,संस्कार,आध्यात्मिक व व्यावहारिक शिक्षा भी दी जाती हैं जबकि वर्तमान शिक्षा तामसी शिक्षा का प्रमाण हैं जिसके चलते देश में आज पढ़ लिखकर युवा डॉक्टर, इंजीनियर,वकील तो बन रहे !
जो आधुनिक शिक्षा से केवल अपने पेशे में तो पारंगत हैं लेकिन जीवन के किसी अन्य क्षेत्र में उनकी रूचि या ज्ञान में पर्याप्त नहीं हैं! वर्तमान शिक्षा से कई युवा उच्च शिक्षा प्राप्त कर अपने धर्म की हठधर्मिता व स्वार्थ के चलते गलत रास्ता अपनाते हुवे आतंकवादी बन जाते हैं!
पूज्या कपिला दीदी ने कहा कि दुनिया में सबसे श्रेष्ठ धर्म सनातन धर्म हैं! दुनिया में जिसके समान कोई दूसरा धर्म नहीं! जहां विज्ञान समाप्त होता हैं वहीं से आध्यात्म शुरू हो जाता हैं !
जो माता पिता अपने बच्चों को मोबाईल देते हैं वे उनके सबसे बडे़ दुश्मन है !पढ़ने वाले बच्चों को रात्रि दस बजे बाद पढ़ाई नहीं करना चाहिए! दस बजे पढ़ने के बजाय शयन करना चाहिए!
सुबह जल्दी उठकर पढ़ना चाहिए! पढ़ने वाले बच्चों को सुबह सूर्य देव को ब्रम्ह मुहुर्त में जल अवश्य चढ़ाना चाहिए! गौ माता की सात परिक्रमा लगाना चाहिए क्योंकि गौ माता की सकारात्मक ऊर्जा सबसे अधिक होती हैं! वाले बच्चों को वर्षभर में ग्यारह महिने गाय का दूध पीना चाहि! सावन के महीने में गाय का दूध नहीं पीना चाहिए!
बच्चों का विवाह सही उम्र में होना चाहिए!
बेटी जब तक गुडि़या जैसी लगे तब विवाह कर देना चाहिए,ना कि बुढि़या हो जाये तब! क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ लड़के-लड़की की सोच में भी भिन्नता आ जाती हैं! जिससे ऐसे संबंध लंबे समय तक नहीं चल पाते!इसलिए बच्चों का विवाह सही उम्र में कर देना चाहिए!
कथा का श्रवण के लिये नगर सहित जोबट, आलीराजपूर, कठ्ठीवाडा़,बरझर क्षेत्र से बडी़ संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं! गौकथा के चौथे दिन की कथा का समापन यजमानों द्वारा आरती प्रसादी के साथ किया गया!
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