न्यायालय में विचाराधीन मामलों....
जप्त वाहन पुलिस चौकी परिसर में खुले आसमान के नीचे खा रहे जंग!
नीलामी की दरकार , मौसमों की मार झेलते जंग खा रहे कई वाहन!
पिटोल ! शराब तस्करी, र्दुघटना ओर दस्तावेजों के अभाव में वाहन मालिको द्वारा अपने वाहनों को सुपुर्दगी पर नहीं लेने व कई वाहनों के न्यायालय में विचाराधीन होने की दशा में कई दोपहिया ओर चार पहिया वाहन पिटोल पुलिस चोकी में जंग खा रहे है। बताया जा रहा है कि दो वर्ष पुर्व वाहनो की नीलामी हुई थी। उसके बाद नीलामी के आदेश नहीं हुए है। ऐसे में ये वाहन चोकी परिसर में रखे हुवे है।
पुलिस द्वारा जप्त वाहनों की नीलामी नहीं होने की वजह से वाहन कबाड में तब्दील होते जा रहे है। परिसर में जर्जर हालत में कारें, ट्रक, ट्रेक्टर, बाईक व जीप जंग खा रहे है। यहां ऐसे वाहनों की संख्या तीन दर्जन से अधिक है।
पुलिस परिसर को साफ सुथरा रखने के लिये चाहकर भी इसे हटा नहीं पा रहे है। बडी तादाद में मुकदमें अदालत में विचाराधीन है। एक तरफ राज्य सरकार थाने चोकियों को अत्याधुनिक बनाने में जुटी हुई है। लेकिन फंड की कमी के कारण इनकी सुरत नहीं बदली जा सकी है।
यहां तक कि पुलिस कर्मियों को रहने तक के लिये सुविधा नहीं है। मजबुरन वे आसपास की अन्य सरकारी आवासों में रह रहे है। चोकी परिसर में बने दो कमरे जो कि कर्मियों को रहने के लिये थे उसमें वर्षों से जप्त शराब भरी पडी है। उनका नष्टीकरण नहीं हुआ है।
कौन मालिक है पता नहीं!
पूर्व सरपंच काना गुंडिया ने बताया कि चोरी, राहजनी, लुट आदि मामलों में बरामद वाहन केस प्रापर्टी होती है किंतु उनको रखने के लिये परिसर में कोई शेड नहीं है। मोसम की मार झेलने वाले इन वाहन मालिकों को मामले के निराकरण के बाद यदि सुपुर्दगी के आदेश मिलते भी है तो उन्हें वाहनों के अवशेष ही हाथ लगते है। मुकदमें लंबित होने के चलते पुलिस बरामद वाहनों की नीलामी नहीं कर पाती। ऐसे में अदालत के आदेश तक यह वाहन पुलिस की निगरानी में रहते है।
चोकी प्रभारी श्रीमति भांवर ने बताया कि यहां अधिकांश खाली जगह अभी जप्त किये वाहनों से भरी पडी है। कुछ वाहन यहां ऐसे पडे है उनके मालिक कौन है उनके बारे में भी पता नहीं है। न कोई उन्हें लेने आ रहा है न दस्तावेज पेश कर रहा है जिसकी पुलिस को जरुरत है।
नीलामी में वाहनों की खरीदी में नहीं लेते रुची!
व्यापारी संटी बाबा ने बताया कि जप्त वाहनों की नीलामी प्रक्रिया लंबी ओर जटिल होती है। पुलिस वाहनों को जप्त कर थाने या चोकी में खडा कर देती है। लंबी कानुनी प्रक्रिया के चलते काफी समय तक मामलों का निराकरण नहीं होने से वाहन थानों में ही पडे रहते है ओर कबाड हो जाते है। फिर नीलामी के वक्त इन कबाड वाहनों की कीमत भी अधिक आंकी जाती है जिसके कारण इनको लेने में कोई रुचि नहीं दिखाता।
विभिन्न मामलों में कुल जप्त 34 दोपहिया ओर चार पहिया वाहनों में 5 वाहन चार पहिया है जिनमें से एक लावारिस ट्रेक्टर जप्त है। शराब तस्करी में एक ट्रक दो कार व एक दुर्घटना में जप्त मेजिक कबाड हो रही है। 29 बाईकें जप्त है जिनमें 14 बाईक न्यायालय में चल रहे विचाराधीन मामलों की है।
इन्होने कहा!
चोकी प्रभारी श्रीमति पल्लवी भांवर ने बताया कि यहां जप्त वाहनों को रखने के लिये कोई शेड नहीं है इसलिये बाहर खुले में रखे हुवे है। जप्तुशुदा वाहन न्यायालय में विचाराधीन मामलों के है। जिन लोगों के वाहन बगैर दस्तावेज के रखे है उनके द्वारा वाहनों को लेने नहीं आने के कारण यहां ऐसे हालात बने हुए है।
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