जनजातीय कार्य विभाग का मामला!
जिला स्तरीय कोरग्रुप से प्राचार्य बाहर!
हटाए गए प्रभारी प्राचार्य को किया शामिल!
झाबुआ। जिले की शासकीय शैक्षणिक संस्थाओं में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जनजातीय कार्य विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए जिला स्तरीय कोरग्रुप का गठन किया गया है। इसमें सहायक आयुक्त सदस्य सचिव के रूप में सम्मिलित रहेंगे। कोर ग्रुप कलेक्टर एवं मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के मार्गदर्शन में कार्य करेगा।
जनजातीय कार्य विभाग द्वारा 03 जुलाई को पत्र क्र./शि.गुण/को.ग्रुप./ 2023/4394 का आदेश जारी किया गया है। जिसके अनुसार यह सदस्य विभागीय शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा गुणवत्ता की निरंतरता एवं श्रेष्ठता हेतु निरंतर प्रयास कर शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित कर शैक्षणिक संस्थाओं में शिक्षा गुणवत्ता की सफलता एवं निरंतर सुधार के लिए नवीन प्रयोग के शीघ्र निर्णयो, अनुशंसा कर क्रियान्वयन करेगा।
इन्हें बनाया कोरग्रुप का सदस्य!
जिला स्तरीय कोरग्रुप में 18 सदस्य शामिल है। इनमें श्रीमती आयशा कुरैशी प्राचार्य, भारतसिंह बी.ई.ओं. झाबुआ, के.एल. परमार बी.ईओ. विखं रामा, राकेश सोनी बी.ई.ओं. रानापुर, जी.एस.देवहरे बी.ई.ओं. विखं मेघनगर, एस.एन.श्रीवास्तव बी.ईओ. विखं थांदला, आर.के. यादव बी.ईओ. विखं पेटलावद, रविन्द्रसिंह सिसोदिया व्याख्याता उमावि रातीतलाई, हरिश कुण्डल प्र. प्राचार्य उमावि झाबुआ, सीमा त्रिवेदी प्र. प्राचार्य कन्या उमावि झाबुआ, फिरोज खान कन्या उमावि मेघनगर, शीला सिसोदिया उमावि रातीतलाई, रामसिंह सिंगोड उमावि कल्याणपुरा, धर्मेन्द्र जानी उमावि परवलिया, रमेश झणिया उमावि मदरानी, मुकेश पाटीदार उमावि रायपुरिया, आई.एल. गुर्जर उमावि कल्याणपुरा और रमेश परमार उमावि रोटला को कोर ग्रुप का सदस्य बनाया गया है।
जिला मुख्यालय स्थित उमावि रातीलाई सें 2 सदस्य बनाए गए है। जबकि संस्था के प्राचार्य मनोज खाबिया को शामिल नहीं किया गया। चर्चा है कि राजनीतिक प्रभाव के चलते इसी संस्था में कनिष्ठ व्याख्याता रविन्द्रसिंह सिसोदिया प्रभारी प्राचार्य के पद पर बने हुए थे। जिनके कार्य व्यवहार और हठधर्मिता से उनके सहकर्मी नाराज थे। इसी के चलते श्री सिसोदिया को कुछ दिनों पूर्व ही हटाकर श्री खाबिया को प्राचार्य बनाया गया।
लंबे समय से प्रभारी प्राचार्य पद पर रहे श्री सिसोदिया को इसी संस्था में अब सामान्य व्याख्याता के रूप में कार्य करना पड रहा है। बताया जाता है कि इस परिवर्तन से श्री सिसोदिया खासे नाराज है। और इसी संस्था में प्रभारी प्राचार्य के पद पर पुनः स्थापित होने के लिए ऐडी चोंटी का जोर भी लगा रहे है।
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