छात्राओं से अश्लील हरकत सच या साजिश!
झाबुआ के पूर्व एसडीएम भाजपा राजनीति का शिकार!
झाबुआ। झाबुआ के पूर्व एसडीएम सुनील झा को छात्राओं के साथ अश्लील हरकत करने के कथित आरोप के मामले में न्यायालय से जमानत मिल गई है। निलंबन और पुलिस कार्रवाही के बाद से ही इस बात कि चर्चा हो रही है कि श्री झा को राजनीतिक षडयंत्र का शिकार बनाया गया है या यह घटना सही है।
इस घटना को लेकर शहर व राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं व अटकलों का बाजार गर्म है। चर्चा है कि श्री झा किसी राजनीतिक षडयंत्र का शिकार हुए है!
भाजपा के अंदरूनी सूत्र बताते है कि श्री झा को झाबुआ एसडीएम के पद तक पहुंचाने में रतलाम सांसद गुमानसिंह डामोंर कि अहम भूमिका रही है। भाजपा जिलाध्यक्ष भानू भूरिया के भी वे करीबी रहे है। इन दोनो नेताओं के राजनीतिक प्रतिद्वदियों ने इस घटना कि व्यूह रचना रची और श्री झा को निशाना बनाया!
तत्कालीन कलेक्टर सोमेश मिश्रा के कार्यकाल के दौरान जिले में खेल सामग्री घोटाला हुआ था, उस घोटाले में कथित तोर पर सांसद का नाम भी सामनें आया था।
उस मामले कि जांच अपर कलेक्टर रहते हुए श्री झा ने पूरी कि थी। पुरूस्कार स्वरूप श्री झा को झाबुआ एसडीएम की कुर्सी मिली थी।
इस मामले को उस घटना से जोडकर भी देखा जा रहा है, जब दो माह पूर्व श्री झा द्वारा अलिराजपुर के भाजपा नेता और बालू रेत व्यापारी, के डंफर जप्त कर कार्रवाही कि गई थी।
उसके बाद श्री झा पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे। इस मामलें में भाजपा जिलाध्यक्ष भानू भूरिया और अलिराजुपर के भाजपा भदू पचाया के बीच मनमुटाव कि चर्चाएं भी सामनें आई थी।
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि कथित तौर पर अश्लील हरकत कि घटना जिस छात्रावास में हुई है, वह छात्रावास और वहां के कर्मचारी सुर्खियों में रहे है। इन कर्मचारियों को भाजपा नेताओं का संरक्षण है और इनकी भाजपा नेताओं से नजदीकियां जग जाहिर है।
भाजपा के एक पूर्व विधायक के रिश्तेदार का नाम भी इस छात्रावास से जुडा है। कर्मचारियो से जुडे भाजपा नेताओं, उनके करीबियों को सांसद श्री डामोर और भाजपा जिलाध्यक्ष श्री भूरिया का राजनीतिक प्रतिद्वंदी माना जाता है। इसलिए पूर्व एसडीएम को इस घटना का शिकार बनाए जाने कि चर्चाओं व अटकलों से बाजार गर्म है।
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