प्रातः 9 बजते ही टीवी के सम्मुख पार्थिव शिवलिंग की पूजा अर्चना में लीन हुए भक्त।
एक घंटा बाजार में पसरा था सन्नाटा।
पिटोल। पवित्र श्रावन मास में शिव की आराधना में हर कोई लीन दिख रहा है। सब अपने अपने तरीकों से शिव भक्ति में लगे हुवे है।
कोई कई किलोमीटर दूर तक पेदल चलकर कावड उठाऐ शिव जलाभिषेक के लिये शिवालयों में पहुंच रहा है तो कोई भारी बारिश के बीच झाबुआ जिले के विभिन्न गांवों शहरों से बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिये घाटीयों में जयकारे लगा रहे है।
शनिवार को पिटोल में भी शिव भक्ति का वो नजारा देखने को मिला जब अधिकांश घरों में रात 9 बजते ही भक्तगण अपने अपने टेलीविजन के सामने बैठकर पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर उसकी पुजा में लीन होते दिखाई दिये।
दर असल प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने हाल ही में राजस्थान के अलवर में चल रही शिवपुराण की कथा के दौरान भक्तों से कहा था कि प्रत्येक माह में आने वाली शिवरात्री के साथ ही इस श्रावन मास की शिवरात्री का भी विशेष महत्व है।
पार्थिव शिवलिंग का निर्माण कर भक्त अपनें घरों में ही शिव का विधि विधान से पुजन अर्चन व जलाभिषेक कर सकते है। उनके द्वारा शनिवार को रात्री 9 बजे पंडित आचार्यो के मंत्रोच्चार के साथ पुजन किया जाऐगा जिसका सीधा प्रसारण भी किया जाऐगा।
सोशल मिडिया पर पुजन सामग्री व पुजन के तरीकों को भी बताया जिसे शिव भक्त एक दुसरे को पास करते रहे। रात 9 बजे सीधा प्रसारण होते ही हर कोई अपनी टीवी के सामने था।
दो दिन से तैयारीयों में जुटे थे भक्त फुलों का पडा टोटा।
सुख, शांति, समृद्धि व विभिन्न रोगों के निवारणार्थ पंडित मिश्रा जी के उपायों को अपनाने के लिये शिवालय भक्तों से पटे पडे है। पुजन को लाईन लगी है।
सीधे प्रसारण के अनुसार बताई गई पुजा के लिये अंचलों में 2 दिनों से भक्त खासकर महिलाऐं तैयारीयों में जुटी हुई थी। अपनी अपनी गोत्र के अनुसार निर्माण किये जाने वाले शिवलिंग के लिये मिट्टी की जुगाड में घुम रहे थे।
किसी को काली तो किसी को लाल व कोई सफेद मिट्टी के लिये इधर उधर जा रहे थे। भक्त यादवेन्द्रसिंह सिकरवार ने बताया कि शिव को प्रिय धतुरा तो पौधों पर से मानो गायब ही था।
भक्तों ने आसपास के जंगलों में घुम घुमकर उनका संकलन कर लिया था। बिल पत्र व शमी के पत्तों की जुगाड तो कर ली पर गुलाब के फुलों का टोटा पड गया। लोगों ने अन्य फुलों से काम चलाया पर सभी ने भाव से पुजन अर्चन कर शिव आराधना की व दुसरे दिन मिट्टी से निर्मित शिवलिंग का विसर्जन किया।
भक्त प्रकाश मोदी का मानना है कि पं.मिश्रा द्वारा शिवपुराण की कथा के माध्यम से बताऐ जाने वाले उपायों के चलते सनातन धर्मीयों में धर्म के प्रति आस्था व विश्वास का संचार हुआ है। व समाज में एक नई जागृति आई है।
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