सहारा इंडिया परिवार के निवेशक बे-सहारा और परेशान।
मैनेजर नदारद, आफिस बंद।
झाबुआ। केन्द्र सरकार के प्रयास से सहारा इंडिया परिवार के निवेशकों को अपने डूबते पैसो के मिलने की तब आस बंधी जब केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहारा रिफंड पोर्टल लांच किया। लेकिन सहारा के कर्मचारियों की कथित बेईमानी व नैकनियत के अभाव में अभी भी निवेशक सहारा इंडिया परिवार की आफिस के चक्कर काट रहे है।
जिला मुख्यालय पर राजगढ नाका स्थित सहारा इंडिया परिवार कार्यालय के मैनेजर जगदीश राठौर से मिलने के लिए निवेशक चक्कर लगा रहे है। यह वे निवेशक है जिनकी जमा राशि की अवधि पूर्ण हो चुकी थी, और मैनेजर श्री राठौर के कहने पर जमा राशि के सर्टिफिकेट इस उम्मीद से कार्यालय में जमा करा दिये थे कि जल्द ही उन्हें कंपनी की और से भुगतान प्राप्त होगा। लेकिन सालों से चक्कर लगाने के बाद भी उन्हे भुगतान नहीं मिला।
18 जुलाई को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सहारा रिफंड पोर्टल का शुभारंभ किया था। निवेशकों को अपना पैसा लेने कि लिए सहारा रिफंड पोर्टल पर एक प्रक्रिया के तहत जमा राशि के सर्टिफिकेट अपलोड करने पर भुगतान प्राप्त होगा। ऐसे निवेशक जिनके सर्टिफिकेट सहारा के कार्यालय में जमा है वे अपने सर्टिफिकेट प्राप्त करनें के लिए सहारा इंडिया परिवार के मैनेजर को ढूंढ रहे है। और मैनेजर आफिस से गायब है।
परेशान हो रहे निवेशकों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया की जब तक मैनेजर से हमें ओरिजनल सर्टिफिकेट नहीं मिल जाते तब तक हम सहारा रिफंड पोर्टल पर कि जाने वाली प्रक्रिया को पूरा नहीं कर सकते। हमने श्री राठौर को कई बार फोन किया, लेकिन वे काॅल रिसीव नहीं करते। आफिस जाते है ताला लटका मिलता है। कभी आफिस खुला होता है तो वहां मौजूद कर्मचारी कहते है मैनेजर जब आएगें तब आपके सर्टिफिकेट मिलेंगे। लेकिन मैनेजर कब आएंगे, इस सवाल का उनके पास भी जवाब नहीं है।
सहारा इंडिया परिवार कार्यालय के कैशियर नागेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि मैनेजर जगदीश राठौर कई दिनों से कार्यालय नहीं आए। निवेशक उनसे मिलने के लिए आते है। उनके बारे में पूछते है और चले जाते है। सर्टिफिकेट उनके (श्री राठौर) के पास ही है। वहीं दे सकते है।
इस पूरे मामले में चर्चा करने के लिए सहारा परिवार कार्यालय के मैनेजर जगदीश राठोर से संपर्क किया गया। लेकिन मोबाईल पर उनसे संपर्क नहीं हो सका।
इनका कहना है।
भाजपा जिलाध्यक्ष भानू भूरिया ने कहा कि लोगों ने अपनी मेहनत की गाडी कमाई सहारा में निवेश की थी। निवेशकों को केन्द्र सरकार के प्रयासों से पैसा मिल रहा है। सहारा के मैनेजर व अन्य कर्मचारियों को जिम्मेदारी के साथ निवेशकों को सहयोग करना चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करते है तो हम इस मामले में कोई कदम उठाएंगे।
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