पन्द्रह दिनों में पिटोल चौकी नें पकडी 5 करोड 50 लाख रुपऐ की अवैध शराब!
पिटोल । म. प्र. व गुजरात राज्य की सीमा पर स्थित झाबुआ थाना क्षैत्र की पिटोल चौकी में एक पखवाडे में तीसरी बडी कार्यवाही हुई, जब पिटोल पुलिस नें शुक्रवार को एक कंटेनर में अवैध रुप से गुजरात की ओर परिवहन कर ले जाई जा रही 4 करोड 94 लाख 44 हजार की शराब को मय मश्रुका के जप्त किया।
पिटोल पुलिस की लगातार हो रही इस कार्यवाही से अवैध कारोबारीयों में हडकंप मचा हुआ है। नाना प्रकार से बिल बिल्टीयां बना कर पुलिस को गुमराह करने वाले अवैध कारोबारीयों पर पुलिस की बढती सख्ती अवैध शराब को नियंत्रित करने वाले जिम्मेदार आबकारी विभाग की भी निंद उड रही है।
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को पुलिस को सुचना मिली कि इन्दौर अहमदाबाद हाईवे पर पिटोल के श्याम ढाबे के पास अवैध शराब से भरा एक कंटेनर क्रमांक आरजे 10 जीबी 7915 गुजरात की ओर जा रहा है।
पुलिस ने उक्त टेंकर की घेराबंदी कर उसे पुलिस
चौकी लाया गया। जांच करने पर पता चला कि कंटेनर में मंहगे दाम की 728 पेटी जिसमें कि प्रत्येक पेटी में 12 बोटल थी। ब्लेक डाॅग गोल्ड रिजर्व ब्लेन्डेड स्काॅच व्हिस्की जिसकी प्रत्येक बाॅटल की कीमत 4 हजार रुपऐ है।
पुलिस नें जप्त कर आबकारी एक्ट की धारा 34, 36(2), 46 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया है। वाहन चालक आरोपित कश्मिीरसिंह पिता उदमीराम जाट उम्र 50 वर्ष निवासी साल चाडवास थाना काॅपर खेतरी जिला झुंझनु राजस्थान को गिरफ्तार किया है।
चौकी प्रभारी पल्लवी भांवर ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारीयों में पुलिस अधीक्षक अगम जैन, अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक प्रेमलाल कुर्वे,एसडीओपी झाबुआ रुपरेखा यादव व निरीक्षक टीएस डावर के निर्देशन में अवैध कारोबार पर नकेल कसने के लिये टीम गठित की गई है।
मुखबीर तंत्र की सक्रियता व पुलिस की त्वरीत कार्यवाही के चलते पिटोल पुलिस को 15 दिनों में यह तीसरी बडी सफलता मिली है। शुक्रवार को कंटेनर की घेराबंदी में उनके सहित अमितसिंह बघेल, शैलेन्द्र शुक्ला, कमलकांत पलवार, दिलिप डावर, प्रेमसिंह, अजीत डावर, राकेश, मुकेश, हिमांशु, गोपाल व अनसिंह भुरिया के सहयोग से कार्यवाही होना बताई जा रही है।
चौकी में शराब रखने की जगह पड रही कम।
लगातार हुई कार्यवाही के बाद पिटोल चौकी के हालात यह बन गए है कि चौकी में शराब रखने के लिये जगह ही नहीं है। ऐसे में पुलिस को अतिरिक्त मेहनत करना पड रही है।
पहले गिनती के लिये पेटीयां वाहन से नीचे उतारी जाती है। उसके बाद कार्यवाही पश्चात उसी शराब को जप्त वाहन में पुनः भरकर रख दिया जाता है। यहां इस तरह के भंडारण के लिये किसी प्रकार के भवन की कोई व्यवस्था नहीं है।
पूर्व से जप्त शराब के मामलों में निराकरण नहीं होने से नष्टीकरण नहीं हुआ है ऐसे में यहां पुलिस कर्मियों के रहने की फजीहत हो गई है।
कीमत का ऐसा है लेखा जोखा।
728 पेटी, प्रत्येक में 12 बोतल
- प्रत्येक बाॅटल में 750 एमएल शराब, कुल 6552 बल्क लीटर।
- 4000 रुपऐ प्रति बाॅटल, कुल 3 करोड 49 लाख 44हजार रुपऐ।
- वाहन सहित 3 करोड 94 लाख 44 हजार रुपऐ कीमत की है यह अवैध शराब।
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