झाबुआ से श्याम त्रिवेदी की खास रिपोर्ट
भ्रष्टाचार के मामले में collector , CEO सहित 7 अधिकारियों को जेल!
झाबुआ। भ्रष्टाचार के एक मामलें में तत्कालीन कलेक्टर जगदीश शर्मा, तत्कालीन जिला पंचायत सीईओं जगमोहन धुर्वे सहित 7 अधिकारियों-कर्मचारियों को विशेष न्यायाधीश द्वारा आज सजा सुनाई गई। सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
जिला अभियोजन अधिकारी सुश्री सूरज वैरागी ने जानकारी देते हुए बताया की माननीय विशेष न्याययाधीश श्री राजेन्द्र शर्मा (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) द्वारा आज एक अहम फैसला सुनाते हुए अभियुक्तगण को दोषी पाते हुए आरोपीगण जगदीश शर्मा पिता ब्रजनंदन शर्मा (शास्त्री) तत्कालीन कलेक्टर जिला झाबुआ जगमोहन पिता गजरूपसिंह धुर्वे तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत झाबुआ, नाथुसिंह पिता नारायणसिंह तंवर परियोजना अधिकारी (तकनीकी) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिला पंचायत झाबुआ, .अमित पिता आर.एस. दुबे तत्कालीन जिला समन्वयक, सदाशिव पिता भीमसिंह डाबर तत्कालीन वरिष्ठ लेखाधिकारी जिला पंचायत झाबुआ, .आशीष पिता सुरेश कदम तत्कालीन लेखाधिकारी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिला पंचायत झाबुआ को धारा 13(1) (डी), 13(2) पीसी एक्टक एवं धारा 120(बी) भादवि 4-4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000-5000 हजार रूपये का अर्थदण्डए तथा 420 भादवि में 3-3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000-4000 रूपये से दंडित किया गया।
राहुल प्रिटर्स के मालिक मुकेश पिता सत्य नारायण जी शर्मा भोपाल को धारा 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्टय एवं धारा 120(बी) भादवि 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 हजार रूपये का अर्थदण्ड् तथा 420 भादवि में 3 वर्ष का सश्रम कारावास और 4000 रूपये एवं धारा 467 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रूपये अर्थदण्ड से दंडित किया गया। सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
यह था मामला!
सुश्री वैरागी ने बताया की विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय इन्दौर में परिवादी राजेश सोलंकी निवासी मेघनगर जिला झाबुआ द्वारा माननीय विशेष न्यायालय झाबुआ के समक्ष एक लिखित परिवाद पत्र दिनांक 04 फंरवरी 2010 को आरोपीगण जगदीश शर्मा एवं अन्य के विरूद्ध प्रस्तुुत किया था। जिसमें परिवादी ने लेख किया था कि आरोपीगण अपने पद का दुरूपयोग कर मध्यप प्रदेश शासन के आदेशानुसार शासकीय मुद्रण के समस्त कार्य शासकीय मुद्रणालय से न कराते हुए अन्य मुद्रणालय से कराकर निजी मुद्रणो को अवैध लाभ पहुचाया है।
न्यायालय द्वारा उक्त परिवाद जांच को विशेष पुलिस स्थापना इन्दौर को प्रेषित किया गया था। परिवाद पत्र के परीक्षण उपरांत न्यायालय के आदेश के क्रम में विशेष पुलिस स्थापना संगठन द्वारा पंजीयन उपरांत पुलिस अधीक्षक इन्दौर द्वारा जगदीश शर्मा के विरूद्ध मय परिवाद पत्र जांच हेतु प्राप्त हुआ।
उक्त आदेश के पालन में परिवाद पत्र की प्राथमिक जांच कर अपना प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक वि.पु.स्था, इन्दौर को प्रेषित किया था। जिसके आधार पर लोकायुक्त संगठन द्वारा अपराध पंजीयन का निर्णय लिया गया था।
पुलिस अधीक्षक वि.पु.स्था. लोकायुक्त इन्दौर 03 दिसंबर 2010 अनुसार अपराध पंजीबद्ध करने हेतु आदेशित किया था। प्राथमिक जांच के दौरान पाया गया कि अभियुक्तकगण द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए बिना टेण्ड्र के शासकीय प्रेस से कई गुना महंगे दर से राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा, भोपाल से छपाई का कार्य करवाया गया था। और मुद्रीत सामग्री का देयक बिल सीधे पास कराया गया था। तुलना कर गणना करने पर पाया गया कि लगभग 6 गुना अधिक मंहगे दर पर कार्य करवाते हुये. अरोपीगणों द्वारा राशि 27,70,725 रूपया का अतिरिक्त अवैध भुगतान राहुल प्रिंटर्स के मालिक मुकेश शर्मा को किया गया है। जिसमें मुकेश शर्मा को 27,70,725 रूपया का अवैध आर्थिक लाभ हुआ है। तथा शासन को इतनी ही राशि की आर्थिक हानि हुई है।
अभियुक्तगगण द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुए आपराधिक षडयंत्र कर भ्रष्टाकचार पूर्वक अनुचित एवं अत्यधिक लाभ अर्जित कर भ्रष्टाचार किया गया था। लोकायुक्त् कार्यालय इन्दौर द्वारा अभियुक्तगण के विरूद्ध अनुसंधान पूर्ण कर 13(1)(डी), 13(2) पीसी एक्ट एवं धारा 120(बी), 420, 201, 467 भादवि के तहत विशेष न्यांयालय में अभियोग पत्र प्रस्तु त किया गया था।
विचारण के दौरान अभियोजन की ओर उक्ता प्रकरण में कुल 34 अभियोजन साक्षीगण के कथन न्यायालय में करवाये गये एवं लिखित तर्क प्रस्तुत करते हुए अपना मामला बखुबी सिद्ध किया गया।
शासन की ओर से प्रकरण का संचालन राजीव रूसिया जिला लोक अभियोजन अधिकारी, श्रीमति मनीषा मुवेल, अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी एवं राजेन्द्र पालसिंह अलावा सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा किया गया।
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