तालाब में डुबे लापता युवक को 31 घंटे बाद भी नहीं खोजा जा सका , रेस्क्यु जारी।
पिटोल । समिपस्थ सेमल फलिया के तालाब पर नहाने गया युवक पानी में डुब गया। प्रत्यक्ष दर्शियों के डुबते युवक के चिल्लाने पर आस पास के लोगों को युवक अर्जुन पिता सामजी गुंडिया के डुबने की सुचना दी। स्वजन तालाब पर पहुंचे तब तक युवक पानी में डुब चुका था।
मंगलवार को सुबह 9 से 10 बजे की उक्त घटना के बाद से एसडीईआरएफ का रेस्क्यु चल रहा है। स्थानीय आदिवासी तैराको ने भी प्रयत्न किये किंतु अब तक युवक पानी में नहीं मिल पाया है।
मंगलवार घटना के बाद से ही बडी संख्या में ग्रामीणों का जमावडा तालाब के किनारे बना हुआ है। रात रेस्क्यु रोके जाने के बाद अर्जुन के परिवार के लोग रात भर तालाब के किनारे बैठे रहे। मां बहनों व पत्नि का रो रोकर बूरा हाल है। 25 वर्षिय युवक अर्जुन के तीन बेटीयां है। सभी इस आस में कि उनका अर्जुन उन्हें कैसे भी मिल जाऐ। सभी को बस अब ये ही उम्मीद बची है कि पानी में से उन्हें अर्जुन का शरीर सुरक्षित मिल जाऐ।
एसडीईआरफ व पुलिस मौके पर।
डीस्ट्रीक कमांडेंट होमगार्ड श्री पिल्लई ने बताया कि टीम लगातार युवक को खोजने का प्रयत्न कर रही है। पानी में कंजी जमी होने के कारण अंदर डाले गऐ कांटों में कंजी के फंसने से रेस्क्यु में असुविधा हो रही है। इंदौर से भी टीम को बुलाया गया है। दुसरी तरफ ग्रामीणों का आक्रोश बढता जा रहा है। लंबे समय तक सफलता नहीं मिलने पर ग्रामीणों द्वारा तालाब को फोड कर पानी निकाल दिये जाने की बात कही जा रही है। मौके पर मोजुद पुलिस अधिकारीयों व टीम ने समझाया है कि वे हर स्तर पर प्रयत्न करेंगे। वे थोडा धीरज रखें। यदि शव पानी में है तो निकाल लिया जाऐगा।
मां का ममत्व ईतना की दो बार कुद पडी पानी में।
अपने 25 वर्षिय बेटे के पानी में डुबने की खबर के बाद से ही बदहवास मां दो बार पानी में कुद पडी यह कहते हुवे कि तुम लोगों से नहीं निकल रहा में निकालती हुं अपने बेटे को। लोगों द्वारा उसे पकड कर रोका जाता है। कभी बेहोशी सी आ जा रही है तो कभी दोड लगाती है पानी की ओर। स्वजनों का रो रो कर बूरा हाल हैं। गांव के लोग जन प्रतिनिधी सब के सब स्वजनों को होंसला रखने के लिये कहते हुवे अपना अधिकतम समय मौके पर दे रहे है।
पिटोल चौकी प्रभारी पल्लवी भावर अपने स्टाॅफ के साथ मौके पर है। वरिष्ठ अधिकारी दुरभाष से जानकारी ले रहे है। किंतु 32 घंटे बाद भी लोग हताष निराश तालाब के किनारे इस आस में डटे हुवे है कि न जाने अब उन्हें अर्जुन किस रुप में मिलेगा चर्चाओं में कि स्थानीय बस स्टेण्ड पर चाय बनाने का व्यवसाय करने वाले अर्जुन के हाथ की जायकेदार चाय अब उन्हें कभी पीने नहीं मिलेगा।
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