प्रदेश व भारत सरकार से पुरुस्कृत पिटोल प्रा. स्वा.केन्द्र में डाक्टर नहीं!
पदस्थ डाक्टर के जाने के बाद से 25 दिनों में नहीं हुई नई पदस्थापना!
पिटोल ! प्रतिदिन 100 से अधिक मरीजो के स्वास्थ परिक्षण के बाद उनको मिल रहे ईलाज के कारण पिटोल प्रा. स्वास्थ केन्द्र में जहां मरीजो की लाईन लगती थी वहीं यहां पदस्थ डाक्टर के अन्यत्र जाने के बाद मरीजों की फजीहत हो गई है। मजबूरन आसपास के तकरीबन 40 से अधिक गांवों के मरीजों को अपनी बीमारी के ईलाज के लिये निजी चिकित्सकों के पास या गुजरात के दाहोद जाना पड रहा है।
यहां पदस्थ डाॅ. अंतिम बडोले के यहां से सागर जाने के बाद महज 25 दिनों में स्वा. केन्द्र की चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है। हालांकि अभी प्रसुतियों को लेकर सेवाऐं बरकरार है किंतु ओपीडी के मरीज डाक्टर के नहीं होने के कारण निराश होकर सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं ले पा रहे है।
गुणवत्तापूर्ण सुविधाओं को लेकर आता रहा अव्वल! पिटोल के इस प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र को प्रदेश सरकार व भारत सरकार द्वारा करवाऐ गऐ आकलन के आधार पर पुरुस्कृत किया गया है। यहां मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं में उच्च गुणवत्ता के साथ ही साफ सफाई, प्रसुताओं को स्वच्छ वातावरण, समय पर आवश्यक सुविधाऐं मुहैया कराऐ जाने के साथ ही परिसर में एक स्वच्छ वातावरण, जच्चा बच्चाओं के लिये वातानुकुलित कक्ष, मनोरंजन के लिये टीवी व अन्य कई मापदण्डों के आधार पर आंकलित कर पुरुस्कृत किया गया था किंतु वर्तमान में यह प्राथमिक चिकित्सालय डाक्टर विहीन होकर मरीजों की परेशानी का सबब बना हुआ है।
जिला चिकित्सालय से महज 17 किमी दूर यानी यहां पहुंचने में मात्र 20 से 30 मिनिट का सफर किंतु जिला प्रशासन का कोई अधिकारी इसकी सुध नहीं ले रहा। 26 अक्टोबर 23 को यहां से रिलिव होकर गऐ डाक्टर के बाद अब तक किसी डाक्टर को यहां के संचालन की जिम्मेदारी नहीं दे पाया है जिम्मेदार विभाग। ओर जिला प्रशासन भी मरीजो की परेशानी को गंभीरता से नहीं ले पा रहा है।
प्रसुतियों का आंकडा बडा!
पिटोल के इस स्वा. केन्द्र में प्रतिमाह तकरीबन 250 के आसपास प्रसुतियां होती है। आस पास के 40 गांवों के लोग महिलाओं को प्रसुति के लिये यहां लेकर पहुंचते है। कई महिलाओं को प्रसुति के दौरान खुन की कमी या अन्य तत्काल निर्मित किसी परिस्थिति में यहां डाक्टर के नहीं होने के कारण झाबुआ जिला चिकित्सालय लेकर दौडना पडता है। ऐसे में महिला की जान भी जा सकती है। उक्त स्वा. केन्द्र हाईवे से लगा होने के कारण दुर्घटना में पीडीत को उपचार के लिये यहां लाया जाता है किंतु गत कई दिनों से ऐसे लोगों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पा रहा है।
अभी आचार संहिता लगी है। शासन स्तर पर कार्यवाही कर डाक्टर की पोस्टींग कराने का प्रयत्न करेंगे। पदस्थ डाक्टर पीजी के लिये सागर गए है।
बी.एस. बघेल
सीएमएचओ झाबुआ
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