पिटोल से निर्भयसिंह ठाकुर की रिपोर्ट
सडक हादसे में 6 बच्चों की माॅ की मौत, बच्चों सहित 6 अन्य गंभीर घायल।
झाबुआ जिले से आदिवासी परिवार मजदूरी के लिये जा रहा था गुजरात।
पिटोल । सोमवार रात 9 बजे के करीब झाबुआ से पिटोल के बीच मोद ग्राम में हुवे एक सडक हादसे में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई। महिला के 6 बच्चों सहित उसका पति व अन्य लोग गंभीर रुप से घायल हुवे है।
इको कार में एक ही परिवार के 13 लोग कल्याणपुरा थाने के तलावली गांव से गुजरात मजदूरी के लिये जा रहे थे।
बताया जा रहा है कि मोद गांव में सडक किनारे वाहन चालक गाडी खडी कर कहीं गया था कि रात के अंधेरे में किसी आयसर जैसे वाहन ने खडी इको क्रमांक जीजे 01 आरजे 2354 को पिछे से टक्कर मार दी।
टक्कर लगते ही मौके पर घायलों की चित्कार चालु होकर अफरा तफरी मच गई। इधर मौका पाकर टक्कर मारने वाला वाहन अंधेरे का लाभ लेकर वहां से फरार हो गया जिसका अब तक पता नहीं चल पाया है।
एक की मौत के साथ ये हुवे घायल।
मृतक सन्नुबाई पति नानसिंग निनामा उम्र 34 वर्ष निवासी तलावली थाना कल्याणपुरा , के अलावा 10 अन्य जो गंभीर घायल हुवे है उनमें विजय केगु मकोडिया, सेम्पु नानसिंग, मीरा विजय मखोडिया, दिव्या राजु भाबोर, कृष्णा नानसिंग निनामा, नानसिंग जानू निनामा, पवन पिता चेनसिंग, मावजी पिता नानसिंग, देवा नानसिंग व रानिया पिता नानसिंग शामिल है। मृतक सहित सभी घायल काका बाबा के परिवार के होकर मोखडा ओर तलावली गांव के रहने वाले है।
स्वास्थ सुविधाओं को लेकर पोल आई सामने।
घटना के बाद पुलिस द्वारा सुचना करने पर चार चार 108 मौके पर पहुंची एवं अलग अलग जगहों पर घायलो को लेकर गई पर कही भी उन्हें रात को संतोष जनक प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाया।
हाईवे पर स्थित पिटोल प्रा. स्वा. केन्द्र में तो गत कई दिनों से डाक्टर ही नहीं है। जो कि ऐसे हालात में घायलों को प्राथमिक उपचार भी दे सके। वहीं जिला मुख्यालय पर भी घायलों को ऐसे ही हालातों से रुबरु होना पडा।
बिगडती हालत को देखकर स्वजनों व पुलिस के सहयोग से दाहोद गुजरात के झायडस अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें आवश्यक उपचार मिल सका।
मन को द्रवित करने वाले थे हालात
मौके पर उपस्थित प्रत्यक्ष दर्शियों नें बताया कि रात के अंधेरे में घायल बच्चे लहुलुहान हालत में ठंड में ठिठुर रहे थे।
हताहत माहौल में घायल अवस्था में इधर उधर टकटकी लगाकर देख रहे थे। नहीं पता था कि किसे कितनी चोंट लगी है। बच्चों का पिता जो कि घटना से हलाकान बेबस
सहायता का इंतजार कर रहा था।
मौके पर पहुची पिटोल पुलिस नें जरुरत के अनुरुप अलग अलग जगह चिकित्सा के लिये भेजा। बताया जा रहा है कि लहुलुहान बच्चों के जब कपडे निकाले गऐ तो उनके तन पर देर तक कोई कपडे नहीं थे। क्योकि साईड में रखी पोटली में से कपडे निकाल कर बदलने वाली ‘‘माॅ’’ अब इस दुनिया में नहीं थी। 6 बच्चों की हालत खराब व पत्नि की मौत से क्षुब्ध बच्चों का पिता बेबस सा नजर आ रहा था।
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