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सिकल सेल रोगियों की सेवा करें मेवा मिलेगा - राज्यपाल
पिटोल से निर्भयसिंह ठाकुर की रिपोर्ट

श्याम त्रिवेदी
Last Updated 2024-01-27T13:31:15Z



पिटोल से निर्भयसिंह ठाकुर की रिपोर्ट

गरीबों के प्रति संवेदना रखने वाला मोदीजी जैसा प्रधानमंत्री पहले कभी नहीं देखा - राज्यपाल मंगु भाई पटेल

श्री पटेल ने मरीजों के बीच पहुंचकर स्वा. कर्मियों से कहा सिकल सेल रोगियों की सेवा करें मेवा मिलेगा। 

पिटोल । शनिवार को झाबुआ जिले के पिटोल के समिप खेडी गांव में म.प्र. के राज्यपाल मंगुभाई पटेल अपने नियमित समय 12 बजे राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन, लोक स्वास्थ एवं परिवार कल्याण विभाग म.प्र. के राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के तहत जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित शिविर में पहुंचे। 

यहां राज्यपाल ने सिकल सेल रोग एवं रोगियों के प्रति समाज के उन जिम्मेदार लोगों से अपिल की कि वे अपनी पूर्ण निष्ठा से इस गंभीर रोग को मिटाने के लिये सहयोग करें एवं आने वाली पीढी में रोग ओर अधिक आगे नहीं बढे इसके लिये लोगों को जागरुक करें। 

श्री पटेल ने कहा कि सिकल सेल के रोगी पूरी दुनिया में है किंतु इसमें 95 प्रतिशत आदिवासी लोग इस रोग से अधिक ग्रसित है। रोग अनुवांशिक होने के कारण इससे लोगों को जागरुक करने व जागरुक होने की जरुरत है। 2047 तक यह देश से पूर्णतः खत्म करने का लक्ष है। मोदी जी के उस फार्मुले में जिसमें सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के साथ सबका प्रयास ओर जोडने की आवश्यकता पर बल दिया। कहा तभी हम प्रत्येक योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचा पाऐगें। 

राज्यपाल यहीं नहीं रुके उन्होने कहा कि कई योजनाऐ तो मोदी के अन्तर मन से निकली योजनाऐं है जिनमें आयुष्मान कार्ड, उज्जवला गैस, के साथ अन्य कई महत्वपूर्ण योजनाऐं हैं। उन्होने कहा क्योंकि वे खुद एक गरीब परिवार से निकले है इसलिये वे उनके दर्द को करीब से जानते है। 
शादी पुर्व लोग गुण मिलाते है आदिवासी कार्ड मिलाओ।
राज्यपाल सिकल सेल को लेकर इतने गंभीर दिखाई दिये कि उन्होने कहा कि लोग विवाह के पूर्व लडका लडकी के पत्रिका से अपने गुण मिलाते है किंतु आदिवासी विवाह पूर्व सिकलसेल रोग के यदि वाहक है तो वे अपना कार्ड मिलाऐं। जिससे आने वाली संताने इस रोग से मुक्त हो। साथ ही उन्होने जिम्मेदार अधिकारीयों से यह भी कहा कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर पहले उन्हें कार्ड बांटे। मोदी जी ऐसे प्रधानमंत्री है जिन्होने सिकलसेल जैसे रोग के लिये बजट में 15 हजार करोड का प्रावधान किया है। विभाग केंप लगाऐ, नाटक का मंचन करे जिससे लोग इस रोग की गंभीरता को समझ सके। उन्होने कहा कि सरकार ने पहले प्रोजेक्ट में झाबुआ ओर अलीराजपूर को लिया है। जहां सिकलसेल को लेकर लोगों के बीच में जाने की जरुरत है। 

इस अवसर पर सांसद गुमानसिंग डामोर ने भी आदिवासीयों में पाई जाने वाली इस घातक बीमारी के उन्मूलन के लिये 2047 तक के प्रधानमंत्री के संकल्प का स्मरण किया। उज्जवला योजना के साथ आयुष्मान कार्ड में 5 लाख तक के ईलाज व किसान समृद्धि योजना व लाडली बहना के उद्देश्य को गरीबी से छूटकारा दिलाने वाली योजनाऐं बताई। म.प्र. काबिना मंत्री महिला एवं बाल विकास निर्मला भुरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री एवं राज्यपाल ने इसे एक मुहिम के रुप में लिया है कि इस रोग को खतम कैसे किया जाऐ उसके लिये प्रशासन आगे आऐ एवं इसे जड से केसे खतम किया जाऐ उसके लिये निचले स्तर तक प्रयत्न करे। 
योजना के इन लाभार्थियों को मंच से किया वितरण।
महामहिम राज्यपाल ने आयुष्मान कार्ड के उन लाभार्थीयों को जिनको लाभ मिला है उन्हें कार्ड विरीत किये जिनमें बद्दू मालजी मेडा, झीतरी कालिया गणावा, को आयुष्मान कार्ड, शिवानी बारीया ओर अंजली गुंडिया को सिकलसेल कार्ड, नन्हीं बच्ची को लाडली लक्ष्मी योजना का कार्ड व अंगुरी गुंडिया को उज्जवला गैस कनेक्शन का वितरण किया। 

इसके पुर्व राज्यपाल के मंच पर पहुंचते ही पहले राष्ट्रगान पश्चात मां सरस्वति की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। सांसद गुमानसिंग डामोर, केबिनेट मंत्री निर्मला भुरिया, जिला कलेक्टर तन्वी हुड्डा व पुलिस अधिक्षक अगम जैन ने महामहिम को तुलसी के पौधे भेंटकर स्वागत किया। 

सीएमएचओ बीएस बघेल ने बताया कि दोनों जिलों में अब तक 6 लाख 56 हजार 453 लोगों की जांच की जा चुकी है जिसमें 11 हजार 480 लोगों में सिकलसेल ऐनिमीया रोग के लक्षण पाऐ गऐ है। कार्यक्रम का संचालन हरिश कुण्डल व आभार संदीप चोपडा ने माना। 
क्या है सिकल सेल।
यह रक्त में होने वाली बिमारी है। हासिये के आकार की होती है। जो नलीयों में रक्त के प्रवाह को रोकती है। रक्त अवरुद्ध होने पर कई प्रकार की शारीरिक विकृतियां पैदा होती है। साथ ही यह पीढी दर पीढी होने वाला रोग है। जोकि माता पिता के जीन में होने के कारण संतान के अंदर भी आता है। 
झलकियां - 
पिटोल, खेडी के गुजरात से लगा होने के कारण कार्यक्रम में मौजुद महिला पुरुषों को मंगुभाई पटेल की हिन्दी मिक्स गुजराती समझने में ज्यादा असुविधा नहीं हुई। - शिविर में लगे स्टालों पर उपस्थि ग्रामीण महिलाओं व बच्चों से सीधे संवाद ने आदिवासी महिलाओं को प्रभावित किया। - गांव में सडक नहीं होने के कारण मतदान का विरोध करने वाले खेडी सरपंच व गांव के लोग राज्यपाल को यह बताने के लिये बिलबिलाते रहे कि उनके गांव में 4 हजार से अधिक मतदाता है व 6 हजार के करीब आबादी है पर उनके गांव में पक्की सडक तक नहीं है। उन्हें सुरक्षा गार्डों ने समिप ही नहीं फटकने दीया। - प्रशासकीय चकाचैंध में खेडी सरपंच दिनेश राज्यपाल के समिप घूमता रहा किंतु गांव की समस्याओं से राज्यपाल को रुबरु नहीं करवा पाया। - स्कुलों से छुट्टी कर बच्चीयों को कार्यक्रम स्थल पर बुलवाया गया। - स्कुली छात्राओं के साथ महामहिम ने खिंचवाऐ फोटो। 



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