पिटोल से निर्भयसिंह ठाकुर की रिपोर्ट
विधायक से बोले गांव वाले मृतकों के शवों को घर लाने के लिये गुजरात से कोई सरकारी वाहन की मदद तक नहीं मिली।
17 हजार लगाने के बाद भी मृतकों को गुजरात की सीमा में ही छोडकर चला गया निजी वाहन ।
गुजरात में मजदूरों को पारिश्रमिक तो अच्छा किंतु किसी हादसे में मजदूर की मौत के बाद सहयोग नहीं।
पिटोल। गत दिनों गुजरात के ढोलका में हुऐ एक दर्दनाक सडक हादसे में हुई पांच लोगों की मौत हुई थी। जिसमें एक ही परिवार के चार लोगों की मौत के बाद शुक्रवार को समिपस्थ ग्राम घाटीया में मृतकों के परिवार की एक रस्म में शामिल हुऐ क्षैत्रिय विधायक विक्रांत भुरिया से ग्रामीणों ने कहा कि गरीबी ओर बेरोजगारी की हालत में उनके परिवार गुजरात जाते है । किंतु किसी प्रकार के हादसे के शिकार होने पर वहां उन्हें किसी प्रकार की कोई सरकारी मदद नहीं मिलती।
यहां तक कि इस दर्दनाक हादसे के बाद मृतकों के शवों को घर तक लाने के लिये वहां की पुलिस ने उन्हें कोई मदद नहीं की। बल्कि एक निजी वाहन आयसर के मालिक के नम्बर दिये जिसने उनसे 17 हजार रुपऐ लिये ओर गुजरात व म.प्र. की सीमा पर पिटोल छोड कर चला गया।
मदद के नाम पर उन्हें अब तक 5 हजार प्रति मृतक अंत्येष्टि के लिये मुख्यमंत्री संबल योजना के तहत मिले है किंतु कोई बडी मदद नहीं मिली है। स्वजनों के साथ ग्रामीणों को भी आस है कि उन्हें कोई बडी आर्थिक सरकारी मदद मिल जाऐ।
जिससे उनके बच्चों व पत्नि को जीवन यापन में सहारा मिल सके।
मजबूरी में मजदूरी को जाता है मजदूर, शौक से नहीं।विधायक विक्रांत से चर्चा करते स्वजनों के आंसु छलक पडे। भावुक हुवे विधायक विक्रांत ने कहा कि यह गुजरात सरकार की नैतिक जिम्मेदारी हैै कि इस प्रकार के किसी भी हादसे में जिले से मजदूरी पर गुजरात जाने वाले गरीब मजदूरों को मानवीयता के आधार पर ही कम से कम ये मदद कर दे की मृतक का शव सम्मान से उसके घर तक पहुंच सके।
विधायक ने कहा कि जिले में रोजगार के अभाव में जिले का आदिवासी मजदूर मजबूरी में काम पर अन्यत्र जाता है। कोई शौक से नहीं। मौके से उन्होने जिम्मेदार अधिकारीयों को यथा शीघ्र संबल योजना का लाभ दिलवाने के लिये निर्देशित किया।
गोरतलब है कि किसी भी प्रकार की दुर्घटना में मृत होने वाले श्रमिक को संबल योजना में 4 लाख रुपऐ की सहायता राशि दी जाती है।
विधायक विक्रांत ने विधानसभा में उठाया था प्रश्न।
पलायन के दंश ओर प्रवासी श्रमिकों को होने वाली आकस्मिक परेशानीयों को लेकर विधानसभा में श्रमिक भवन व हेल्पलाईन नम्बर को लेकर विधायक विकांत भुरिया के इस प्रश्न पर कि जो मजदूर मजदूरी करने के लिये जाते है उनके लिये प्रदेश से बाहर अन्य राज्य में कोई श्रमिक भवन या श्रम विभाग का कोई कार्यालय उनकी समस्याओं के निराकरण के लिये उपलब्ध है।
यदि हां तो कितनी समस्याओं का निराकरण इस कार्यालय से किया गया। जिसका जवाब यह आया कि उनके लिये म.प्र. से बाहर कोई श्रमिक भवन नहीं है ओर न ही कोई श्रम विभाग का कार्यालय। प्रवासी मजदूर बोर्ड का गठन हुआ है। जो कि मजदूरों की समस्याओं का आंकलन कर सरकार को सिफारीश करेगा।
पांच के बाद दो की ओर हुई मौत एक हजार किमी दूर से लाऐ शव।
पहले सडक हादसे में ढोलका में हाईवे पर बीच रास्ते में खडे एक डम्पर में रात के अंधेरे में मजदूरों से भरी बोलेरो जा घूसी मौके पर ही पांच लोगों की मौत हो गई।
इस हादसे में घाटीया के दिलिप ओर नितेश पिता नानसिंह बिलवाल, राहुल पिता खुमसिंह बिलवाल व प्रमोद पिता भारत बिलवाल निवासी घाटीया ओर पीपलरपाडा के नायसप भुरिया की मौत हो गई थी। दो अन्य गंभीर घायल भी हुवे थे।
दूसरे इधर घाटीया में चार शवों की राख ठंडी भी नहीं पडी थी की घाटीया से सटे गांव नागनखेडी के मजदूरी पर गऐ दो युवकों की युपी के ईलाहबाद में माजु ओर रमसु की ट्रेन से कट जाने पर मौत हो गई। ये रेलवे का काम करने वहां गऐ थे। जिनके शव पोटली में बांधकर एक हजार किमी दूर यहां घर पर लाने पडे।
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