पिटोल से निर्भयसिंह ठाकुर की रिपोर्ट
3 करोड 84 लाख की लागत से बन रहे स्कुल भवन में हो रही घटिया फ्लोरिंग!
लोकार्पण के पुर्व ही दीवारों में आ रही दरारें, पारदर्शिता के लिये नहीं लगा अब तक सुचना बोर्ड!
कार्य की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों ने उठाऐ सवाल, निर्माण ऐजेंसी कुलदीप चौधरी एण्ड कंपनी मनमानी पर आमादा!
पिटोल! पिटोल में जर्जर हो चुके हायर सेकेण्डरी स्कुल भवन में अध्यन करने वाले छात्र छात्राओं द्वारा मौत के साऐ में अध्ययन करनें की खबरों के बाद सरकार नें यहां 3 करोड 84 लाख रुपऐ की लागत से बनाऐ जाने वाले नवीन भवन का कार्य प्रारंभ करवाया। कार्य लगभग पुर्णता की ओर है। किंतु आम जन के लिये लगने वाला सुचना बोर्ड अब तक नहीं लगा है जिसमें पारदर्शिता के लिये यह दर्शाया जाऐ कि काम कितनी लागत में किस ऐजेंसी द्वारा किस गुणवत्ता ओर किस समय सीमा में पूर्ण होना है।
निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग करने का आरोप ग्रामीण लगा रहे है।
निर्माण कार्य में लगने वाली सामग्री फिर चाहे रेत हो, सिमेंट व उसमें लगनें वाली ईंट के साथ ही पानी के छिडकाव में कोताही बरती गई है। नतीजन जगह जगह दीवारों में अभी से दरारें आना शुरु हो गई है।
बिजली के वायरों में भी समझोते किये गऐ है।
अभी तक यह देखने में नहीं आया कि निर्माण ऐजेन्सी कुलदीप चोधरी एण्ड कम्पनी धार द्वारा किये जा रहे निर्माण की जिम्मेदार अधिकारीयों नें बारीकी से कोई पतारसी की हो। जो भी कार्य हुआ है उसको हरी झण्डी मिलती रही जिससे ठेकेदार द्वारा लगाऐ जा रहे बिलों का भुगतान भी निर्बाध रुप से होता आ रहा है मतलब साफ है कि ठेकेदार द्वारा किया जा रहा सारा काम जिम्मेदार विभाग की नजर में चोखा है। जबकि हाल ही में पिटोल के ग्रामीणों ने बराण्डे में की जा रही घटीया किस्म की फ्लोरिंग को लेकर काम रुकवा कर मजबूत टाईल्स लगवाने हेतु एसडीओ पीडब्ल्युडी वसुनिया को आग्रह किया कि वे मौके पर आकर गुणवत्ता की जांच कर मजबूत टाईल्स से फ्लेरिंग करवाऐ।
इनडोअर केम्पस का मिल सकता है दोहरा लाभ!
शासन द्वारा नव निर्मित करवाऐ जा रहे भवन के बराण्डे का नक्शा इस तरह का है कि उस परिसर में सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ ही इनडोअर गेम्स की भी सुविधा बच्चों को मिल सकती है जिसमें बेडमेंटनए बास्केट बाॅल व व्हालीबाॅल भी खेला जा सकता है किंतु वर्तमान में जिस तरह की टाईल्स लगाई जा रही है उसमें इन खेलों को खेला जाना संभव नहीं है। साथ ही ये टाईल्स हल्की होकर अभी से टूट रही है। गोरतलब है कि बडी संख्या में स्कुल आने वाले बच्चों का अधिकतम समय मुवमेंट इसी परिसर में रहेगा जहां यह हल्की टाईल्से लगाई जा रही है। जिससे यह कुछ ही दिनों में टुटकर तहस नहस हो जाऐगी।
ग्रामीणों की मांग है कि जिला प्रशासन यहां किये जा रहे कार्य को संज्ञान में लेकर परिसर में फ्लोरिंग का कार्य इस तरह से करवाऐ कि बच्चों को इन खेल गतिविधियों का भी लाभ मिल सके। ओर बाकी बचे कार्य को उच्च गुणवत्ता से कार्य करवाऐं जिससे लम्बे समय तक क्षैत्र के छात्र छात्राओं को इस नवीन बन रहे विद्यालय भवन का लाभ मिल सके।
इन्होने कहा !
एसडीओ पीडब्ल्यु डी श्री वसुनिया ने बताया कि अभी में इंदोर में हुं आकर दिखवाता हुं। आवश्यक हुआ तो बदलाव करवाऐंगें।
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