पिटोल से निर्भयसिंह ठाकुर की रिपोर्ट
अंतरराज्यीय चेक पोस्ट पिटोल पर पसरा सन्नाटा!
जहां हर दिन 3 हजार वाहनों की होती थी जांच!
वाहन चालक समय पर पहुंच सकेगें गंतव्य तक!
पिटोल । एक जुलाई की रात 12 बजे से मप्र एवं गुजरात राज्य की सीमा पर स्थित पिटोल एकीकृत जांच चौकी पर हर दिन 3 हजार से अधिक भार वाहक वाहनों के थमने वाले चक्के सरपट दौडते नजर आऐ। जांच चौकी पर लगने वाले वाहनों की लाईनों की जगह सन्नाटा पसरा था। वजन के लिये बनाऐ गऐ बूथ खाली पडे थे।
दरअसल मप्र सरकार के प्रदेश के सभी जिलों में चल रहे परिवहन चेक पोस्टों के बंद करने के आदेश के बाद यहां रात 12 बजे से ही वाहनों की जांच बंद कर दी गई है।
बताया जा रहा है कि इनकी जगह अब गुजरात माॅडल पर 26 जिलों में 45 रोड सेफ्टी एनफोर्समेंट चेकिंग पाईंट बनेगें। इसमें मानव रहित तकनीक का इस्तमाल होगा जो कि उपकरणों से लेस होंगे। सीमावर्ती जिलों में मोबाईल फ्लाईंग स्काॅट काम करेगी।
पिटोल चेक पोस्ट से वर्ष में 12 करोड राजस्व मिलता था सरकार को।
विभिन्न राज्यों से आकर पिटोल परिवहन चेक पोस्ट से होकर गुजरने वाले वाहनों की वैद्यानिक जांच के दौरान कमीयां होने पर लगने वाले दण्ड एवं टेक्स की राशि तकरीबन 1 करोड प्रतिमाह राजस्व के रुप में सरकार को जाती थी।
बताया जा रहा है कि ट्रांसपोर्टरों के इन आरोपों के बाद कि बेरियरों पर मनमाने तरीके से अवैद्य वसुलीयां की जाती है। सरकार ने इस पर लगाम लगाने के लिये यह निर्णय लिया है। अब वाहनों की चेकिंग का तरीका बदलेगा जिससे इस तरह की शिकायतों पर विराम लगने के साथ ही परेशान होने वाले वाहन चालको ओर मालिकों को राहत मिल सकेगी।
इन चेक पोस्टों का काम भी होगा प्रभावित।
एकीकृत इस जांच चोकी पर परिवहन के अतिरिक्त माईनिंगए वनए कृषिए जांच चोकियां भी संचालित थी। क्षेत्रिय परिवहन अधिकारी इसके नोडल अधिकारी थे किंतु अब परिवहन बेरियर के बंद होने के बाद इन जांच चोकियों का आस्तित्व क्या होगा यह अभी तय नहीं है। फिलहाल यहां अभी कोई भी भार वाहक वाहन नहीं रुक रहे है।
इन्होंने कहा!
पिटोल परिवहन चेक पोस्ट प्रभारी किशोरसिंह बघेल ने बताया कि शासन की अपनी नीतियां है। यहां से गुजरने वाला ट्राफिक निर्बाध रुप से चले उसमें कोई अवरोध पैदा न हो इसलिये बंद किये है। जांच का स्वरुप क्या होगा इसको लेकर शासन के आगामी आदेश के अनुरुप काम करेंगे। टीएसआई अंकिता सोलंकी ने बताया कि वाहनों की जांच के लिये बनाऐ जाने वाले चेक पाईंट व्यवस्था कैसी होगी उसकी जानकारी अभी उन्हें नहीं है। जैसा शासन का निर्देश होगा वे वहां पर काम करेंगे।
ईधर बेरियर के बंद होने के बाद ट्रक चालकों ने बताया कि उन्होनें राहत की सांस ली है। चालक रुपसिंग भाई नें बताया कि अब उन्हें कई प्रकार की परेशानीयों से निजात मिलेगी।
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