झाबुआ से श्याम त्रिवेदी की रिपोर्ट
भारतीय ज्ञान परम्परा से संबधित प्रतियोगिताओं का शुभारंभ।
भारत अपनी विशिष्ट संस्कृति व ज्ञान परम्परा के लिए पुरे विश्व में जाना जाता है - श्री कटारा
झाबुआ। शासकीय कन्या महाविद्यालय में महाविद्यालय स्तरीय भारतीय ज्ञान परम्परा से संबंधित अकादमिक व सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर दिनेश कटारा ने किया ।
इस अवसर पर श्री कटारा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारी संस्कृति हमारी पहचान है। भारत अपनी विशिष्ट संस्कृति व ज्ञान परम्परा के लिए पुरे विश्व में जाना जाता है। भारत की ज्ञान परम्परा, योग ध्यान आध्यात्म ऋषियों मुनियों की परम्पराएं सदियों से पुरे विश्व को आकर्षित करती आयी है। पर वर्तमान समय में हम पाश्चात्य संस्कृति को अपनाने के चक्कर में अपनी सभ्यता और संस्कृति से दुर होते जा रहे है ऐसे में हम सब का दायित्व है हम अपनी ज्ञान परम्परा अपनी संस्कृति की रक्षा करें।
भारतीय ज्ञान परम्परा संसाधन प्रकोष्ठ के प्रभारी डाॅक्टर लोकेन्द्र सिंह झाला ने इन प्रतियोगिता के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा से संबंधित प्रतियोगिताओं का पुरे सप्ताह आयोजन किया जाएगा। जिसमें भारतीय ज्ञान परम्परा से संबंधित भाषण, निबन्ध, पोस्टर निर्माण, लोकगीत लोकनृत्य व सामान्य ज्ञान की प्रतियोगिता का आयोजन महाविद्यालय स्तर पर किया जाएगा चयनित प्रतिभागियों को 9-14 दिसम्बर 2024 को आयोजित जिला स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा।
इस अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में कु तनिषा गोस्वामी प्रथम स्थान पर रही। कार्यक्रम का संचालन व आभार डाॅक्टर लोकेन्द्र सिंह झाला ने किया कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्रशासनिक अधिकारी डाॅक्टर सारिका डूडवे, डाॅक्टर बी एस बघेल, डाॅक्टर प्रियंका भालिया, डाॅक्टर रिद्धि माहेश्वरी सहित बडी़ संख्या में महाविद्यालय की छात्राएं उपस्थित थी।
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